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तीन माह बाद निगम के बजट पर प्रशासक ने लगाई मुहर

प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने नगर निगम की ओर साल 2020-2021 के बजट पर अपनी मंजूरी दे दी है। इसकी मंजूरी की फाइल सोमवार को नगर निगम आ जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 06:25 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 06:25 PM (IST)
तीन माह बाद निगम के बजट पर प्रशासक ने लगाई मुहर
तीन माह बाद निगम के बजट पर प्रशासक ने लगाई मुहर

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

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प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने नगर निगम की ओर साल 2020-2021 के बजट पर अपनी मंजूरी दे दी है। इसकी मंजूरी की फाइल सोमवार को नगर निगम आ जाएगी। इसके बाद जो अब काम रोके गए हैं वह शुरू हो जाएंगे।इस समय कमिश्नर की ओर से पार्षदों के वार्ड डेवलेपमेंट फंड से होने वाले काम भी रोक दिए गए हैं। लेकिन अब मंजूरी मिलने के बाद यह काम शुरू हो जाएंगे। नगर निगम के पास वित्तीय संकट फिर भी रहेगा क्योंकि कोरोना के कारण केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने एमसी को मिलने वाली ग्रांट इन एड पर 20 फीसद की कटौती लगा दी है। कमिश्नर केके यादव का कहना है कि प्रशासक ने एमसी की ओर से पास बजट पर मंजूरी दे दी है।

1470 करोड़ रुपये का बजट पास लेकिन मिलेंगे 340 करोड़

नगर निगम ने फरवरी माह में ने कुल 1470.59 करोड़ का बजट पास करके प्रशासन को भेजा था। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ नगर निगम का 425 करोड़ रुपये ग्रांट इन एड तय कर दिए थे। लेकिन बाद में कोरोना के कारण 20 फीसद की कटौती लगा दी थी अब एमसी को इस वित्तीय सत्र के लिए 340 करोड़ रुपये की ही ग्रांट मिलेगी। इसमें दो बार किस्त के तौर पर 70 करोड़ रुपये आ चुके हैं। शराब पर कोविड सेस से होने वाली कमाई नगर निगम को नहीं मिल रही

नगर निगम की वित्तीय हालत इसलिए भी खस्ता हो रही है क्योंकि हर माह 45 करोड़ रुपये का खर्चा कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर ही हो रहा है। जबकि अब कोरोना में हर दिन एमसी का खर्चा पांच लाख रुपये का बढ़ गया है।यह पांच लाख रुपये की राशि कर्मचारियों के पीपीई किट, सेनिटाइजर और मास्क पर खर्च हो रही है। प्रशासन ने शराब की हर बोतल पर कोविड सेस लगा दिया है। लेकिन यह सेस की राशि एमसी को नहीं मिल रही है। प्रशासन ने गृह मंत्रालय को प्रपोजल भेजा है कि सेस से होने वाली कमाई एमसी को दी जाए। लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। नगर निगम प्रशासन से अतिरिक्त फंड लेने का प्रयास कर रहा है। उम्मीद है कि पहले की तरह इस बार भी प्रशासक ऐसा करेंगे। मार्च माह में भी प्रशासन ने 100 करोड़ से अधिक राशि नगर निगम को दी है। इस समय सड़कों की रीकारपेटिग का काम जोरो पर है।

- राजबाला मलिक, मेयर चंडीगढ़। नगर निगम की वित्तीय हालत खस्ता होने और विकास कार्य ठप होने के पीछे भाजपा जिम्मेदार है। मेयर और सांसद की जिम्मेदारी है कि वह अतिरिक्त फंड लेकर आए। इस समय शहर की कालोनियों और गांव का बुरा हाल है।

- सतीश कैंथ, कांग्रेस पार्षद।


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