Move to Jagran APP

पार्षदों को झटका, बढ़ी सैलरी का एरियर देने से प्रशासन का इन्कार

गर निगम के पार्षद लगातार इसकी मांग कर रहे थे। यहां तक कि इसका प्रस्ताव पास कर प्रशासन को भेजा गया था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 07:46 PM (IST)
पार्षदों को झटका, बढ़ी सैलरी का एरियर देने से प्रशासन का इन्कार
पार्षदों को झटका, बढ़ी सैलरी का एरियर देने से प्रशासन का इन्कार

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

loksabha election banner

नगर निगम के पार्षदों को प्रशासन ने झटका दिया है। प्रशासन ने पार्षदों का साल 2015 से बढ़े हुए वेतन का एरियर देने से मना कर दिया है। जबकि नगर निगम के पार्षद लगातार इसकी मांग कर रहे थे। यहां तक कि इसका प्रस्ताव पास कर प्रशासन को भेजा गया था।

पिछले साल जब प्रशासक वीपी सिंह बदनौर नगर निगम आए थे तब भी तत्कालीन मेयर राजेश कालिया ने पिछला एरियर देने की मांग की थी। अब प्रशासन ने इस मामले में पार्षदों की मांग पूरी तरह से खारिज कर दी है।

गौरतलब है कि नगर निगम के पार्षदों को साल 2018 के सितंबर माह से बढ़ा हुआ मानदेय मिलना शुरू हो गया है। अब प्रत्येक पार्षद का प्रति माह मानदेय दस से बढ़कर 15 हजार हो गया है, लेकिन पार्षदों ने यह मांग की थी कि पंजाब सरकार ने नगर निगम के पार्षदों का मानदेय बढ़ाने की अधिसूचना साल 2015 के जून में जारी की थी। चंडीगढ़ में पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट लागू होता है। ऐसे में उन्हें 2015 से बढ़ा हुआ मानदेय मिले। नगर निगम में इस समय 35 पार्षद हैं, जिनमें से नौ मनोनीत हैं। इस मामले में पिछला एरियर न मिलने पर कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने पिछले साल अक्तूबर में प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा को पत्र भी लिखा था।

अब पार्षदों की मांग खारिज करने की सूचना प्रशासन के अधिकारियों की ओर से कमिश्नर केके यादव को दे दी गई है। कई पार्षद ऐसे भी हैं जो साल 2015 में थे, लेकिन वे साल 2016 के अंत में होने वाले चुनाव हार गए थे। ऐसे में प्रशासन द्वारा एरियर न देने के फैसले से पूर्व पार्षदों को भी झटका लगा है, क्योंकि वह भी अपने दो साल का एरियर मांग रहे थे।

वह साल 2015 से बढ़े हुए एरियर की मांग पार्षद कर रहे हैं। अगर प्रशासन ने इसे न देने का फैसला लिया है तो वह एक बार प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से बात करेंगे।

- राजबाला मलिक, मेयर।

प्रशासन को यह एरियर देना चाहिए क्योंकि साल 2015 में पंजाब ने अधिसूचना जारी की थी। यह पिछले साल के मेयर रहे राजेश कालिया की असफलता है, जो कि पार्षदों का एरियर प्रशासन से नहीं दिलवा पाएं। साल 2012 में भी मानदेय बढ़ने की अधिसूचना जारी हुई थी। उस समय पिछला एरियर भी पार्षदों को मिला था।

- सतीश कैंथ, कांग्रेस पार्षद।

अब मेयर को मिलता है 45 हजार रुपये मानदेय

अब मेयर को कुल 45 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय के तौर पर मिलने शुरू हो गए हैं। जबकि सीनियर डिप्टी मेयर को 31 हजार और डिप्टी मेयर को 27500 रुपये प्रतिमाह मानदेय के तौर पर मिल रहा है। प्रशासन द्वारा झटका देने पर साल 2015 से लेकर पिछले साल तक के पूर्व मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को अब भी उनके पद के अनुसार बढ़ा हुआ एरियर नहीं मिलेगा। मालूम हो कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को रिफ्रेशमेंट के 2 हजार रुपये हर महीने के मिलते हैं। जबकि मेयर को दस हजार मिलते हैं। इसके अलावा पार्षदों को प्रति मीटिग 500 रुपये और महीने के 5 हजार तक ही मिल पाते हैं। जबकि टेलीफोन के 2 हजार प्रति माह मिलते हैं। प्रशासन की मंजूरी के बाद ही मिलेगा सौ-सौ लीटर तेल

मंगलवार को हुई सदन की बैठक में सदन ने प्रत्येक पार्षद को सौ-सौ लीटर तेल अपने निजी वाहनों को देने का प्रस्ताव पास किया है, लेकिन यह भी तभी मिलना शुरू होगा जब प्रशासन के स्थानीय निकाय सचिव इसकी मंजूरी देंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.