दुकानें खोलने के फैसले को वापस लेने को तैयार नहीं प्रशासन
निर्णय लिया है अभी प्रशासन उसे वापस लेने के मूड़ में नहीं है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्रशासन ने जो राशन, सब्जियों, फल और दवाइयों की दुकानें सुबह 10 से लेकर शाम छह बजे तक खोलने का निर्णय लिया है, अभी प्रशासन उसे वापस लेने के मूड़ में नहीं है। प्रशासन का मानना है कि गृह मंत्रालय की गाइडलाइन पर ही शहरवासियों को राहत दी गई है और आगे भी प्रशासन रिलेसेशन देता रहेगा। जबकि शहर में प्रशासन की ओर से दी गई इस राहत का कई लोगों ने विरोध भी शुरू कर दिया है। दूरी बनाकर लोगों ने की खरीदारी
शनिवार को बाजारों में लोगों ने शारीरिक दूरी बनाते हुए दुकानों में जाकर खरीदारी की। जिससे प्रशासन का मनोबल और बढ़ गया है। नगर निगम ने इस फैसले को लागू करने के लिए बाजारों में दुकानों के बाहर एक-एक मीटर की मार्किग भी की थी जो दुकानों के बाहर सफेद रंग के गोले बनाए गए थे, उसमे ही खड़े होकर लोगों ने खरीदारी के लिए अपनी बारी का इंतजार किया। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का कहना है कि जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने के अलावा जो सीटीयू बस से राशन और सब्जियों की सप्लाई हो रही है, वह सुविधा भी आगे जारी रहेगी। वाहन लेकर पहुंचे लोग
प्रशासन ने लोगों को राहत देते हुए यह भी कहा था कि कोई भी वाहन लेकर खरीदारी करने के लिए बाजारों में न आए लेकिन इस आदेश की जमकर उल्लंघना हुई। लोग पैदल न आकर वाहनों पर आए। इसके अलावा प्रशासन ने बुजुर्गो को बाजार में न आने की हिदायत दी थी लेकिन बाजारों में चंद बुजुर्ग भी पहुंचे थे। 50 से 100 रुपये आटे की थैली हुई महंगी
इस समय सब्जियों के रेट बढ़ गए हैं। होलसेल और रिटेल के रेट में भारी अंतर है। ऐसे में प्रशासन मुनाफाखोरों पर लगाम कसने में असफल हो रहा है। आटे की दस किलो थैली भी 50 से लेकर 100 रुपये महंगी हो गई है। जबकि कई बाजारों में दुकानों से आटा गायब भी हो गया है। कमिश्नर केके यादव का कहना है कि इस समय प्याज, टमाटर, आलू और लहसुन के रिटेल रेट मार्केट कमेटी के सचिव खुद तय कर रहे हैं। कुछ लोग दस दिन की सब्जी स्टोर कर रहे हैं। दशहत फैलने से सब्जियों के रेट बढ़ रहे हैं।