चंडीगढ़ में वीकेंड लॉकडाउन के पक्ष में AAP, व्यापारी बोले- सबसे ज्यादा हमें होगा नुकसान
चंडीगढ़ में लगाए गए वीकेंड लॉकडाउन के पक्ष में चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के नेता आए हैं। आप नेताओं का कहना है कि कोरोना को रोकने के लिए प्रशासन ने सही फैसला लिया है। वहीं शहर के व्यापारियों ने इस फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से लगाए गए वीकेंड लॉकडाउन (Weekend Lockdown) पर जहां चंडीगढ़ कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं भाजपा पार्टी के नेता भी कह रहे हैं कि लॉकडाउन से ही कोरोना की रफ्तार को कम किया जा सकता है। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासन को व्यापारियों को विश्वास में लेकर लॉकडाउन लगाना चाहिए था। इस लॉकडाउन से सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों का ही है।
आम आदमी पार्टी के संयोजक प्रेम गर्ग का कहना है कि साप्ताहिक लॉकडाउन समय की आवश्यकता है। उनका कहना है कि हमें शांति और साहस के साथ मानव इतिहास के इस संकट को सहन करना होगा। प्रेम गर्ग का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस तरह के लॉकडाउन सभी आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं, विशेष रूप से छोटे व्यवसायों और दैनिक कर्मियों को।
आप नेताओं का कहना है कि एक सभ्य समाज के रूप में हमें इन गरीब लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए और उन तक पहुंचना चाहिए। अगर किसी कारण बस तालाबंदी आगे भी लंबी होती है, तो हमें ये सुनिशित करना होगा कि इन गरीब लोगों को सब सहूलियतें मिले। आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ इस संकट की घड़ी में प्रशासन के साथ है और हमारे साथी लोगों की सेवा के लिए हमेशा तैयार हैं।
वहीं वीकेंड लॉकडाउन के फैसले से शहर के व्यापारी नाराज हैं। व्यापार मंडल के महासचिव संजीव चड्ढा का कहना है कि प्रशासन को शहर के व्यापारियों से सलाह मशवरा करके लॉकडाउन का फैसला लेना चाहिए था। व्यापारी पहले से नुकसान में है और ऐसे में वीकेंड लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों को होगा। क्योंकि वीकेंड पर ही बाजार में लोग खरीदारी करने के लिए आते हैं। वहीं होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को भी इसका खासा नुकसान होगा।
होटिलियर बलजिंदर सिंह बिट्टू का कहना है कि होटल का कारोबार पहले से ही नुकसान में है। प्रशासन को होटल का कारोबार बढ़ाने के लिए भी कदम उठाने चाहिए। धनास मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है कि व्यापारियों को इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। प्रशासन ने जो गाइडलाइन जारी की है वह भी स्पष्ट नहीं है। प्रशासन को छोटे व्यापारियों को मुआवजा देना चाहिए। शहर में कई व्यापारी ऐसे हैं जो हर माह हजारों रुपये किराये देते हैं इसलिए प्रशासन को ऐसी कोई पॉलिसी बनानी चाहिए कि लॉकडाउन के दिनों किराया माफ होना चाहिए।