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चंडीगढ़ में कोई बड़ा चेहरा न होने से आप की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं, कांग्रेस व भाजपा से कई नेता हो सकते हैं शामिल

चंडीगढ़ में दिसंबर माह में निगम चुनाव होने हैं। जिन्हें अपने दल से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं होगी वह आप में आ सकते हैं। भाजपा के मुकाबले में कांग्रेस से ज्यादा नेताओं के आने की उम्मीद है क्योंकि कांग्रेस में चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले नेता ज्यादा है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 10:07 AM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 10:07 AM (IST)
चंडीगढ़ में कोई बड़ा चेहरा न होने से आप की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं, कांग्रेस व भाजपा से कई नेता हो सकते हैं शामिल
चंडीगढ़ में आप का कोई बड़ा चेहरा नहीं।

चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। चंडीगढ़ में अगले दिनों में दल बदल की राजनीति शुरू होने वाली है। कांग्रेस और भाजपा से कई नेता आप में शामिल हो सकती है। आम आदमी पार्टी के पास भी इस समय इतने प्रबल उम्मीदवार नहीं है कि वह सभी सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ सके।आप को भी कांग्रेस और भाजपा से अच्छे और जनाधार वाले नेताओं के आने का इंतजार है। दिसंबर माह में नगर निगम चुनाव होने हैं। जिन्हें अपने दल से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं होगी वह आप में आ सकते हैं। भाजपा के मुकाबले में कांग्रेस से ज्यादा नेताओं के आने की उम्मीद है क्योंकि कांग्रेस में चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले नेता ज्यादा है। आप के संयोजक प्रेम गर्ग ने भी साफ कर दिया है कि ईमानदार नेता कभी भी उनके दल में आ सकते हैं।

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आप पहली बार नगर निगम चुनाव लड़ने जा रही है जबकि राजनीतिक एक्सपर्टस अभी भी आप के चुनाव लड़ने पर संशय जता रहे हैं। उनका मानना है कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आप चंडीगढ़ से गलत मैसेज नहीं देना चाहती है। चंडीगढ़ में आप का सगठन उतना मजबूत नहीं है जितना की कांग्रेस और भाजपा की है।चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में हर दल की जीत और हार का असर पंजाब विधानसभा चुनाव पड़ेगा। जबकि कांग्रेस और भाजपा दोनो ही मान रहे है कि आप के चुनाव लड़ने से उनके विरोधियों को नुकसान होगा।चुनाव परिणाम ही बताएंगे कि आप में कितना दम है। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन भी अब आप की राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं है जबकि आप को धवन से काफी उम्मीदें थे क्योंकि धवन ने पिछला लोकसभा चुनाव आप की टिकट से लड़ा था। धवन इस समय अपने चंडीगढ़ विकास मंच को मजबूत कर रहे हैं।धवन मंच से नगर निगम चुनाव के लिए उम्मीदवार खड़ा करेगी। जबकि आप नेताओं का कहना है कि धवन अपने स्वास्थ्य कारणों से उनकी किसी गतिविधि में शामिल नहीं हो रहे हैं।

आप ने लिया फैसला, भाजपा- कांग्रेस अलर्ट

बकि भाजपा का मानना है कि आप के मैदान में आने से उन्हें फायदा होगा क्योंकि इससे विपक्ष का वोट बंट जाएगा और पार्टी अपना कैडर वोट डलवाने में कामयाब रहेगी। जबकि कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद थी कि आप चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव न लड़ने का फैसला लेगी क्योंकि साल 2016 में भी आप ने पंजाब के विधानसभा चुनाव को देखते हुए नगर निगम चुनाव न लड़ने का फैसला लिया था। हालांकि आम आदमी पार्टी का शहर में कोई ज्यादा जनाधार नहीं है इसका कारण यह भी है कि आप के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है।इस समय कोई भी एरिया ऐसा नहीं है जहां पर आप की स्थिति मजबूत हो।लेकिन आप का मानना है कि अगले दिनों में पार्टी काफी मजबूत स्थिति में होने वाली है।

नहीं हैं कोई जनाधार, धवन ने भी किया किनारा-कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता हरमेल केसरी का कहना है कि आप का शहर में कोई जनाधार नही है। उनका मुकाबला भाजपा से ही है। इस बार शहरवासी पिछले पांच साल की कारगुजारी को देखते हुए भाजपा शासित नगर निगम से नाराज है और वह भाजपा को जवाब देने के लिए तैयार है। सबसे ज्यादा टैक्स और पानी के रेट भाजपा के कार्यकाल में बढ़े हैं। नए साल में नगर निगम में कांग्रेस का मेयर बनेगा। आप के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं है। हरमोहन धवन जो आप की टिकट से लाेकसभा चुनाव लड़े थे उन्होंने खुद ही आप से किनारा कर लिया है।


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