Move to Jagran APP

शहीद परिवार को 10 एकड़ जमीन के बदले 50 लाख देने की नीति को चुनौती

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शहीद परिवार को जमीन के बदले प

By Edited By: Published: Wed, 11 Jan 2017 08:07 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2017 08:07 PM (IST)

-हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया

loksabha election banner

-पैसे की जगह जमीन देने की याचिका में की गई है मांग

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शहीद परिवार को जमीन के बदले पैसे देने की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को नौ मार्च के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इस मामले में हाईकोर्ट के वकील ह¨रद्र सिंह बेदवान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पंजाब सरकार की 19 अक्टूबर, 2016 को जारी उस अधिसूचना को रद करने की मांग की है जिसके तहत पंजाब सरकार ने चीन व पाकिस्तान के साथ सन 1962, 1965 तथा 1971 में हुए युद्ध में शहीद हुए पंजाब के प्रत्येक जवान की विधवा या उनके कानूनी वारिस को 50 लाख रुपये का अनुदान देने की नीति तय की है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि पंजाब सरकार ने 28 नवंबर, 1975 को एक नीति लागू की थी, जिसके अनुसार चीन व पाकिस्तान के साथ सन 1962, 1965 तथा 1971 के युद्ध में शहीद हुए जवान की पत्नी या विकलांग हुए सैनिक को 10 एकड़ जमीन देने का प्रावधान था। इस स्कीम के लिए जमीन लेने के लिए आवेदन की तिथि 27 जनवरी, 1976 तय की गई थी। इस तिथि तक सरकार के पास 1527 आवेदन आए थे, लेकिन कुछ सैनिकों के परिवार जिसको इस नीति का पता नहीं चला या अन्य किसी कारण से वो इसके लिए आवेदन नहीं कर पाए, उन्होंने बाद में इस लाभ के लिए आवेदन किया। इस तरह चार जनवरी 2010 तक 100 केस सामने आए, जिसने 27 जनवरी 1976 के बाद इस योजना के लिए जमीन लेने के लिए आवेदन किया, लेकिन पंजाब सरकार ने जमीन जारी नहीं की। इसके बाद इन सैनिक के परिवारों के आदोलन व मीडिया के दबाव के चलते पंजाब सरकार ने अपनी पूर्व की नीति में संशोधन कर फैसला लिया कि जिन शहीद परिवारों को जमीन नहीं मिली उन्हें जमीन या वर्तमान कीमत के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा 50 लाख रुपये दिया जाएगा। यह राशि तीन किश्तों में पहले 20 लाख, छह माह बाद 15 लाख और बचे 15 लाख रुपये तीन समान किस्तों में दी जाएगी। ऐसे में सरकार ने पांच लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा राशि तय की थी।

याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार अधिसूचना के अनुसार दस एकड़ जमीन के बदले 50 लाख रुपये जारी कर रही है, जोकि शहीद परिवारों के साथ मजाक है। ऐसे ही एक शहीद की पत्नी ने साल 2014 में सरकार द्वारा उसको जमीन न देने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को उसे जमीन देने का आदेश दिया था।

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से मांग की कि वह सरकार की इस अधिसूचना को रद कर पूर्व नीति लागू करने का सरकार को आदेश दे। हाईकोर्ट ने मामले में पंजाब सरकार से नौ मार्च तक जवाब मांगा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.