यहां 60 साल से ऊपर के 80 फीसद लोग मेमोरी लॉस के शिकार, रिसर्च में दावा
शहर के 80 प्रतिशत लोगों की 60 साल की उम्र के बाद याददाश्त कमजोर होती जा रही है।
विशाल पाठक, चंडीगढ़ : शहर के 80 प्रतिशत लोगों की 60 साल की उम्र के बाद याददाश्त कमजोर होती जा रही है। यह दावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन (नाइन), पीजीआइ के शोधकर्ताओं ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट के मुताबिक केवल 20 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जिनकी 60 साल की उम्र के बाद भी याददाश्त ठीक रहती है। हालांकि उन्हें भी यादाशत कमजोर हो जाने का समय-समय पर एहसास होता है। यह स्टडी नाइन इंस्टीट्यूट के डॉ. सुखपाल कौर, डॉ. करोबी दास और लतिका रोहिला ने की है। इस स्टडी के लिए 60 से 70 साल की उम्र के 25 लोगों को शामिल किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक उम्र बढ़ने पर 60 प्रतिशत लोगों मे भूलने की बीमारी शुरू हो जाती है। वहीं, 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनकी समय के साथ याददाश्त कमजोर होती जाती है और उन्हें इसका अहसास भी होता रहता है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे लोगों में समय के साथ उनके स्वभाव में बदलाव देखने को मिलता है। जैसे कि ऐसे लोग अक्सर चीजें खोने पर परेशान हो जाते हैं। इनमें डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, आक्रामकता, चिंता, उदासीनता जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। डॉक्टरों की माने तो भूलने की बीमारी या याददाश्त कमजोर होने के मुख्य कारणों में उम्र के साथ व्यायाम करना छोड़ देना, मधुमेह होना, हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना आदि हैं। इसके अलावा, मानसिक उत्तेजना के कारण भी लोगों की याददाश्त उम्र के साथ कमजोर होती जाती है। याददाश्त अच्छी रखने के लिए सक्रिय जीवनशैली जैसे नियमित रूप से व्यायाम आदि करना जरूरी होता है।