प्रशासनिक कांप्लेक्स की खाली पड़ी जगह में होंगे जंगल के दीदार, लगाए जाएंगे 550 पौधे
सेक्टर-76 प्रबंधकीय कांप्लेक्स में खाली पड़ी जगह पर जंगली क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इसके लिए जापानी तकनीक अपनाने वाला मोहाली पंजाब का पहला जिला बन गया है।
जागरण संवाददाता, मोहाली। सेक्टर-76 प्रबंधकीय कांप्लेक्स में खाली पड़ी जगह पर जंगली क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इसके लिए जापानी तकनीक अपनाने वाला मोहाली पंजाब का पहला जिला बन गया है। प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने ईको सिख नाम की संस्था के साथ मिलकर यह काम शुरू किया जा रहा है। जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में खाली पड़ी जगह में 550 पौधे लगाकर एक जंगलनुमा क्षेत्र तैयार किया जा रहा है। इस तकनीक का पूरा नाम मियावाकी तकनीक है।
तकनीक से पौधों का तेजी से होता है विकास
जिला जंगलात अफसर डीएफओ गुरअमनप्रीत सिंह ने बताया कि यह तकनीक शहरी क्षेत्र में थोड़ी सी जगह के लिए बेहद कारगर है। इससे जहां जैविक विभिन्नता बनाए रखने में मदद मिलती है, साथ ही पौधों के विकसित होने की संभावना सबसे अधिक रहती है। इस तकनीक से पौधों की जड़ें एक-दूसरे के साथ जुड़ जाती हैं, जिससे उनका विकास तेजी से होता है।
लगाए जाएंगे जैसे 40 किस्मों के पौधे
ईको संस्था के नुमाइंदे गुरप्रीत ङ्क्षसह ने बताया कि पहले दो स्थानों पर तीन फीट तक खुदाई की जा रही है। इसके बाद तूड़ी, पराली के खाद का मिक्सचर तैयार करके भरा जाता है। इसके ऊपर पौधे लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह तकनीक इतनी कारगर है कि पौधों को साल या डेढ़ साल बाद पानी देने की जरूरत होती है, जोकि इस मिक्सचर से पूरी हो जाती है। यहां पर ढक, अर्जुन, किकर, बेहड़ा, जामुन, देसी आम, बबूल, नीम, ङ्क्षसबल, महुआ जैसे 40 किस्मों के पौधे लगाए जाएंगे। यह सारे वह पौधे हैं, जिनका जिक्र गुरबाणी में भी होता है।
तकनीक से 10 गुणा तेजी से बढ़ते हैं पौधे
यह तकनीक जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकिरा मियावाकी ने शुरू की है, जिनके नाम पर ही इस तकनीक का नाम पड़ा है। इस तकनीक के तहत थोड़ी-थोड़ी जगह पर दो टीले बनाकर पौधे लगाकर जंगली क्षेत्र तैयार किया जा सकता है। इस तकनीक से पौधे दस गुणा तेजी से बढ़ते है। वहीं, जंगल से पौधे 30 गुना घने होते हैं। दो साल में पौधों का विकास कई गुना हो जाता है। यह तकनीक प्रतिकूल वातावरण में लाभदायक रहती है।
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