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शिक्षा के लिए अन्य विभागों के बजट में 5 फीसद कटौती का प्रस्ताव

-2916 करोड़ का बजट 3803 करोड़ तक पहुंचेगा, कटौती से इकट्ठा होंगे 887 करोड़ -म

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 08:12 PM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 08:12 PM (IST)
शिक्षा के लिए अन्य विभागों के बजट में 5 फीसद कटौती का प्रस्ताव
शिक्षा के लिए अन्य विभागों के बजट में 5 फीसद कटौती का प्रस्ताव

-2916 करोड़ का बजट 3803 करोड़ तक पहुंचेगा, कटौती से इकट्ठा होंगे 887 करोड़ -मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए प्रोफेशनल टैक्स को बताया जरूरी

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिक्षा के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने को अन्य सभी विभागों के बजट में पांच फीसदी कटौती का प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा राज्य के विकास सबसे अहम है। उनकी सरकार शिक्षा में निवेश बढ़ाने के लिए दूसरे विभागों में कटौती करने सहित सभी कदम उठाएगी। इस कदम से शिक्षा के लिए 887 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा, जबकि इस समय शिक्षा के लिए 14 फीसद ही अलॉट है, जो 2916 करोड़ रुपये बनता है। शेष विभागों में पांच फीसद कटौती लगाकर लेने से यह 3803 हो जाएगा, जो 21 फीसदी बनता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह यहां एक समारोह में बोल रहे थे। 200 रुपए प्रोफेशनल टैक्स लगाने के पीछे सीएम ने कहा कि विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक से अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए ऐसा करना जरूरी था। जब तक पानी का बंटवारा नहीं, एसवाईएल नहीं

सीएम ने कहा कि एसवाईएल बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि पंजाब के पास किसी भी राज्य को देने के लिए फालतू पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक पानी के बंटवारे के बारे में कोई फैसला नहीं होता, तब तक एसवाईएल नहर नहीं बन सकती। उन्होंने कहा कि पंजाब का भूजल लगातार गिर रहा है, जिसके चलते पंजाब पानी के गंभीर संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच स्रोतों का बंटवारा 60:40 अनुपात में हुआ था, लेकिन यमुना का सारा पानी हरियाणा को चला गया है। स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती का संकट राष्ट्रीय समस्या है, जिसको केंद्र सरकार की ओर से हल किए जाने की जरूरत है, लेकिन इस गंभीर मसले को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू किए जाने की जरूरत फिर दोहराई। उन्होंने कहा कि गेहूं और धान के रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद पंजाब के किसान मंदी का शिकार हैं। 1976 के बाद सरकारी कर्मचारियों का वेतन 100 गुणा से ज्यादा बढ़ गया है, जबकि फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सिर्फ 22 गुणा बढ़ा है। नवंबर तक पूरी होगी कर्ज माफी प्रक्रिया

मुख्यमंत्री ने जनवरी से शुरू की कर्ज माफी स्कीम के अधीन इस वर्ष नवंबर तक सभी किसानों के कृषि कर्ज माफ करने की प्रक्रिया पूरी करने की वचनबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि 2.02 लाख किसानों के लिए लगभग 999.67 करोड़ की राहत मुहैया करवाई है। किसानों की आत्महत्या के मामले में कमी आने के मामले में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक है। इसका हल कृषि को लाभप्रद बनाकर ही किया जा सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को सिर्फ खेती ही उछाल नहीं दे सकती। इसलिए सरकार ने उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ध्यान केंद्रित किया है और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने व रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील है।


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