Chandigarh News: मार्केट बनाने के लिए कटेंगे 353 पेड़, आखिर प्रशासन को क्यों देनी पड़ी मंजूरी
चंडीगढ़ प्रशासन ने सेक्टर-56 में बनने वाली नई मार्केट के निर्माण में बाधा बन रहे 352 पेड़ों को काटने की मंजूरी दे दी है। इस मार्केट में मार्बल के साथ-साथ सेक्टर-53 के फर्नीचर व्यापारियों को भी शिफ्ट किया जाएगा। प्रशासन ने अप्रैल माह में सेक्टर 56 की मार्केट में शोरूमों की साइट की ई-नीलामी शुरू करने की योजना बनाई है।

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। सेक्टर-56 में बनने वाली नई मार्केट का काम अब तेजी से होगा, क्योंकि इस मार्केट के निर्माण के रास्ते में जो 352 पेड़ आ रहे थे, उन्हें काटने की मंजूरी प्रशासन की ओर से दे दी गई है। नगर निगम के बागवानी विभाग को पेड़ काटने की मंजूरी दी गई है। अगले माह से पेड़ काटने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
पहले इसे सिर्फ मार्बल मार्केट बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि इस मार्केट में मार्बल के साथ-साथ सेक्टर-53 के फर्नीचर व्यापारियों को भी शिफ्ट किया जाएगा। यहां पर आगे होने वाली शोरूमों की साइट की नीलामी में फर्नीचर व्यापारियों को भाग लेने के लिए कहा गया है। संपदा विभाग के अनुसार, मार्केट को शिफ्ट करने से पहले नीलामी प्रक्रिया के पूरा कर लिया जाएगा।
व्यापारियों को जारी किया था नोटिस
लोकसभा चुनाव से पहले मार्केट के निर्माण के काम का टेंडर अलॉट कर दिया गया था। एक प्रमुख सड़क भी बना दी गई है। जबकि पेड़ आने से काम धीमी गति से चल रहा था। प्रशासन सेक्टर-53 की फर्नीचर मार्केट को जल्द से जल्द खाली करवाना चाहता है यहां पर व्यापारी सरकारी जमीन पर बैठे हुए हैं।
संपदा विभाग पिछले माह ही यहां पर कार्रवाई करके बुलडोजर चलाना चाहता था, इसके लिए व्यापारियों को नोटिस भी जारी कर दिए गए थे। लेकिन प्रशासक से मुलाकात के बाद फर्नीचर व्यापारियों को यह कहते हुए राहत दे दी गई कि वह सेक्टर-56 में बनने वाली नई मार्केट में शोरूम की साइट की नीलामी में भाग लेंगे।
20 करोड़ रुपये से तैयार हो रही है मार्केट
सेक्टर-56 की नई मार्केट को विकसित करने के लिए प्रशासन ने 20 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। नई मार्केट में 191 प्लॉट्स एक कनाल और 48 बूथ बनाए जाएंगे। प्रत्येक का आकार एक कनाल है, जिसमें एक बेसमेंट और तीन मंजिलें शामिल होंगी। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में मामला पहुंचने के बाद प्रशासन सेक्टर-56 में मार्बल मार्केट शिफ्ट करने के लिए तैयार हुआ है। यह मार्केट 44 एकड़ में बनेगी।
फर्नीचर व्यापारियों को इसी मार्केट के कारण मिली है राहत
फर्नीचर व्यापारियों ने भी प्रशासक से मांग की थी कि उन्हें भी मार्बल मार्केट की तरह शिफ्ट किया जाए वह मार्केट वेल्यू पर दुकान की साइट खरीदने के लिए तैयार है, ऐसे में अब जब तक सेक्टर-56 की नई मार्केट नहीं बन जाती तब तक फर्नीचर मार्केट और धनास की मार्बल मार्केट को हटाया नहीं जा सकता।
धनास की मार्बल मार्केट भी किसानों की जमीन पर बनी हुई है, जिसे प्रशासन की ओर से अधिग्रहण किया जाना है। फर्नीचर और मार्बल मार्केट दोनों को प्रशासन अतिक्रमण मानता है। प्रशासन ने अप्रैल माह में सेक्टर-56 की मार्केट में शोरूमों की साइट की ई-नीलामी शुरू करने की योजना बनाई है।
प्रशासन चाहता है कि इस साल जून माह तक मार्बल और फर्नीचर मार्केट को हटा दिया जाए। मार्केट के निर्माण की योजना में दुकान मालिकों और ग्राहकों को आवश्यक सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करने के लिए उचित पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है।
200 एकड़ कृषि योग्य जमीन पर बैठे हैं मार्बल व्यापारी
धनास से मार्बल व्यापारी जहां पर बैठे हैं वह कुल 200 एकड़ जमीन है। जो कि कृषि योग्य है। धनास में जहां पर इस समय मार्केट चल रही है, वहां पर ट्राईसिटी ही नहीं, बल्कि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के लोग भी मार्बल खरीदने के लिए आते हैं। प्रशासन के किए सर्वे में 182 लोग यहां पर काम कर रहे हैं।
चार हजार करोड़ की जमीन पर है फर्नीचर व्यापारियों का अतिक्रमण
संपदा विभाग के अनुसार, सेक्टर-53 में 116 फर्नीचर व्यापारी काम कर रहे हैं। मालूम हो कि फर्नीचर मार्केट को हटाने पर फैसला लेने के लिए पिछले साल अगस्त महीने में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासन को कहा था।
प्रशासन के अनुसार, सेक्टर-53 में चार हजार करोड़ रुपये की जमीन पर फर्नीचर व्यापारी 40 साल से बैठे हुए हैं। फर्नीचर मार्केट के व्यापारियों ने जिस पर जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है उसे साल 2002 में प्रशासन ने अधिग्रहण किया हुआ है।

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