दुनिया से जाते-जाते चार लोगों की जिंदगी में उजाला कर गया डेराबस्सी का रवि Chandigarh News
डेराबस्सी के 29 साल के रवि ने दुनिया से जाते हुए भी चार लोगों की अंधेरी जिंदगी में रौशनी फैलाई है। परिवार ने उसकी मौत के बाद उसके ऑर्गन डोनेट करने का निर्णय लिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। डेराबस्सी के 29 साल के रवि ने दुनिया से जाते हुए भी चार लोगों की अंधेरी जिंदगी में रौशनी फैलाई है। रवि के परिवार ने उसकी मौत के बाद उसके ऑर्गन डोनेशन का निर्णय लेकर एक मिसाल कायम की है। कपूर फैमिली ने इंसानियत की अभूतपूर्व मिसाल पेश की है। अपने पहाड़ जैसे गम को भुलाकर दूसरों का जीवन खुशियों से भर दिया है।
डेराबस्सी के बाहरी इलाके में 13 जुलाई की रात को एक जानवर ने स्कूटर से जा रहे 29 साल के रवि कपूर को टक्कर मार दी। रवि गंभीर रूप से घायल हो गए। परिवार के सदस्यों ने रवि को स्थानीय सिविल अस्पताल पहुंचाया। स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें पीजीआइ में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद रवि की जान नहीं बचाई जा सकी। 17 जुलाई को 29 साल के रवि को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उनके पिता कुलदीप ने साहस का परिचय देते हुए रवि के लीवर, किडनी और कॉर्निया दान देने का फैसला किया। इसके बाद प्रत्यारोपण सर्जनों ने तीन बीमार लोगों में लीवर, किडनी और कॉर्निया का प्रत्यारोपण कर उन्हें नया जीवन दिया।
रवि के पिता कुलदीप ने कहा है कि हमारे लिए यह बहुत बड़ी दुख की घड़ी है। हम रवि के चले जाने या उसकी मृत्यु कैसे हुई, इस पर ध्यान नहीं देना चाहते। हम पॉजीटिव सोच रहे थे। अंगदान ने हमें सिखाया है। ऐसा लगता है कि रवि के जीवन का एक यही उद्देश्य था। हम इसी से सांत्वना ले रहे हैं।
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