मॉडल जेल में 27 महिला कैदी, तीन बच्चों का अंदर क्रेच में पुख्ता इंतजाम
बचाव के लिए शुरुआत में ही कई अहम बदलाव वाले नियम लागू किए गए हैं।
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : सेक्टर-51 स्थित मॉडल जेल में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शुरुआत में ही कई अहम बदलाव वाले नियम लागू किए गए हैं। जिसमें कैदियों की संख्या कम करने के लिए करीब 200 विचाराधीन कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया है। जेल प्रशासन ने 25 मार्च से लागू नियम में मुलाकातियों पर पाबंदी लगाने के साथ नए विचाराधीन कैदियों की एंट्री से पहले कोरोना टेस्टिंग अनिवार्य की थी। 1100 कैदियों की क्षमता वाली मॉडल जेल में कुल 27 महिलाओं सहित 841 कैदी हैं। इसमें विचाराधीन कैदियों की संख्या भी शामिल हैं। वहीं, तीन महिला कैदियों के साथ उनके बच्चों की अंदर ही क्रेच में पुख्ता व्यवस्था हैं। जिनमें दो बच्चियों की उम्र करीब तीन वर्ष और एक बच्चे की उम्र छह महीने से ज्यादा है। जेल में एक अलग क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था है, लेकिन अभी तक उसकी जरुरत नहीं पड़ी है। रूटीन चेकअप और सेनिटाइजेशन
जेल प्रशासन ने अंदर सभी महिला-पुरुष कैदियों के रूटीन चेकअप करने की व्यवस्था कर दी थी। इसके अलावा बैरक, अस्पताल, क्रेच, बाथरूम और जेल परिसर को रूटीन में सेनिटाइज करने के साथ कैदियों के बाहर निकलने का समय और उचित दूरी तय कर दी थी। इसके साथ बाहर आने पर सभी को मास्क और सुरक्षा के नियमों की पालना अनिवार्य है। कोरोना काल में मास्क की कालाबाजारी बढ़ने के बाद कैदियों ने अंदर ही 10 रुपये में मास्क बनाना शुरू कर दिया था। हालांकि दूसरी एक्टिविटी पर रोक लग गई थी। पुलिस की लापरवाही को जेल कर्मियों ने पकड़ा
सेक्टर-26 बापूधाम में पुलिस कर्मियों से मारपीट करने पर गिरफ्तार एक आरोपित को जेल भेजा गया था। नियम के मुताबिक जेल प्रशासन ने बिना टेस्टिंग आरोपित को अंदर लेने से मना कर दिया था। टेस्टिंग के बाद आरोपित बापूधाम निवासी कोरोना पॉजिटिव निकला था। जिसके बाद संपर्क में आने वाले छह पुलिस कर्मियों का भी तुरंत चेकअप करवाया गया था।