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84 दिन बाद शहर के सरकारी स्कूल खुले, आएंगे 25 फीसद टीचर्स

स्कूलों में स्टूडेंट्स नहीं बल्कि सिर्फ टीचर्स आएंगे। शहर के स्कूलों में 25 फीसद स्टाफ को ही बुलाया जाएगा।

By Edited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 10:21 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 03:03 AM (IST)
84 दिन बाद शहर के सरकारी स्कूल खुले, आएंगे 25 फीसद टीचर्स

चंडीगढ़, जेएनएन। लॉकडाउन के बाद से शहर के स्कूलों को बंद रखा गया था। लगभग 84 दिन बाद सोमवार से एक बार फिर शहर के सरकारी स्कूलों को खोला जा रहा हैं। लेकिन स्कूलों में स्टूडेंट्स नहीं, बल्कि सिर्फ टीचर्स आएंगे। शहर के स्कूलों में 25 फीसद स्टाफ को ही बुलाया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पहले ही फैसला कर लिया था और टीचर्स को स्कूल बुलाने के लिए सभी बंदोबस्त हो चुके थे। उसके अलावा शिक्षा विभाग द्वारा रविवार को सरकारी स्कूलों के टीचर्स को मैसेज भेजकर उनकी शिफ्ट की जानकारी दी गई।

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रोटेशन पॉलिसी के आधार पर स्कूल आएंगे शिक्षक

सरकारी स्कूलों में टीचर्स को रोटेशन पॉलिसी के अंतर्गत बुलाया जा रहा है। यानी के स्कूलों में टीचर्स को 25 फीसद के चार ग्रुप में बांटा गया है। इन चार ग्रुप से ही टीचर्स को रोजाना स्कूलों में बुलाया जाएगा। स्कूलों के खुलने के साथ ही पेरेंट्स के आने पर भी रोक लगाई गई है। इसके अलावा स्कूलों में किसी भी प्रकार की इन्क्वायरी भी मना है। गेट पर सुरक्षा कर्मियों को सख्त आदेश दिए गए हैं कि टीचर्स और कर्मचारियों के अलावा कोई अन्य व्यक्ति स्कूल में एंट्री नहीं करेगा।

बीमार या बीमारी से ग्रस्त टीचर के स्कूल आने पर रोक

विभाग उन टीचर्स को स्कूल में आने के लिए सख्त मना किया हुआ है, जो बीमार हैं या फिर किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। उसके अलावा ज्यादा बुजुर्ग शिक्षकों को भी स्कूल में आने पर रोक लगाई हुई है। पहला दिन होने की वजह से सोमवार का दिन तो साफ-सफाई और प्ला¨नग ही बनाई जाएगी। ¨प्रसिपल, सीनियर सदस्य, लेक्चरर्स ऑनलाइन पढ़ाई का प्लान बनाएंगे। इन्हीं द्वारा टीचर्स को बताया जाएगा कि किस टीचर को कौन से समय में किस सब्जेक्ट की क्लास लेनी है।

स्कूलों में टीचर्स को रोटेशनल पॉलिसी के तहत बुलाया जा रहा हैं। उसके अलावा सभी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए ही स्कूलों को खोला जा रहा है। टीचर्स को सभी गाइडलाइंस मैसेज द्वारा भेज दी गई हैं। रेड और कंटेनमेंट जोन में आने वाले क्षेत्र से टीचर्स को स्कूलों में आने की मनाही है।

-रूबिंदरजीत सिंह बराड़, डायरेक्टर, स्कूल एजुकेशन।


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