Water Harvesting System: चंडीगढ़ में बारिश के पानी का हाेगा सरंक्षण, कम्युनिटी सेंटर में लगेंगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
Water Harvesting System नगर निगम ने यह निर्णय लिया है कि साल 2027 में जब 24 घंटे पानी की सप्लाई का प्रोजेक्ट शुरू होगा तब टयूबवैलों से पानी की सप्लाई लेनी बंद कर दी जाएगी।जिससे भूजल स्तर में और भी सुधार होगा।
चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। Water Harvesting System: शहर के कम्युनिटी सेंटरों में वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा। अभी शहर के दो कम्युनिटी सेंटर की छत पर यह सिस्टम लगाने का प्रस्ताव पास किया गया।जन सरंक्षण के तहत यह काम किया जाएगा।केंद्र सरकार की गाइडलाइंस पर यह काम किया जा रहा है।नगर निगम ने सेक्टर-8 और 18 के कम्युनिटी सेंटर में यह वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाने का प्रस्ताव पास किया है।यह दोनो ही कम्युनिटी सेंटर भाजपा पार्षद के हैं।
सेक्टर-8 के पार्षद महेशइंद्र सिद्धू इस समय नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर है।सेक्टर-18 के पार्षद पूर्व मेयर आशा जसवाल है। इस समय बारिश के पानी के सरंक्षण के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है।नगर निगम के अनुसार इससे भूजल स्तर में भी सुधार होगा। इन दोनों कम्युनिटी सेंटर के बाद शहर के बाकी सेंटर में यह सिस्टम लगाया जाएगा। शहर में 50 से ज्यादा सामुदायिक केंद्र हैं।
तेजी से गिर रहा है जलस्तर
चंडीगढ़ का भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। हर साल चार से पांच मीटर स्तर गिरता है। जल स्तर गिरने का कारण है कि शहर में लगे ट्यूबवेलों से धड़ल्ले से पानी की सप्लाई आ रही है। शहर में 225 ट्यूबवेल लगे हैं। इनसे हर दिन 20 से 22 एमजीडी पानी की सप्लाई होती है।नगर निगम ने यह निर्णय लिया है कि साल 2027 में जब 24 घंटे पानी की सप्लाई का प्रोजेक्ट शुरू होगा तब टयूबवैलों से पानी की सप्लाई लेनी बंद कर दी जाएगी।जिससे भूजल स्तर में और भी सुधार होगा। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तो अभी चाहते है कि भू जल स्तर में सुधार करने के लिए ट्यूबवेल से होने वाली पानी की सप्लाई को बंद कर दिया जाए, लेकिन पार्षदों के दबाव के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। शहर में गरमी के दिनों में 105 एमजीडी पानी की मांग होती है। जबकि सर्दी में 70 से 75 एमजीडी की मांग होती है।
कजौली वाटर वर्क्स के छह फेजों से शहर में 87 एमजीडी पानी आ रहा है। जबकि ट्यूवबेल से 20 से 22 एमजीडी पानी लिया जाता है। ऐसे में कुल 107 एमजीडी पानी की सप्लाई शहरवासियों को की जा रही है।केंद्रीय भूजल बोर्ड की ओर से हाल में किए गए सर्वे में जो आंकड़े आए हैं। डायनामिक वाटर रिसोर्स-2020 के नाम से किए गए इस सर्वे में 2017 की तुलना में 2020 में स्थिति और खराब हो गई है। चंडीगढ़ को भूजल स्तर को लेकर वर्तमान में अर्द्ध गंभीर (सेमी क्रिटिकल) श्रेणी में रखा गया है। 100 प्रतिशत भूजल स्तर में से चंडीगढ़ 57.38 प्रतिशत भूजल का दोहन कर लेता है।
मनीमाजरा में होता है भूजल का 80 फीसद दोहन
मनीमाजरा में भूजल का 80 फीसद का दोहन होता है। इस क्षेत्र को चिंताजनक स्थिति में रखा गया है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, हालात नहीं सुधरे तो आगामी वर्षों में शहर के अन्य क्षेत्र भी चिंताजनक श्रेणी में पहुंच जाएंगे।मनीमाजरा में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने का टेंडर अलॉट कर दिया गया है ऐसे में यहां पर टयूबवैल से सप्लाई साल 2027 से पहले ही बंद कर दी जाएगी।हाल ही में हुई सदन की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी हुई है।