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श्राद्ध आज से, इस बार 17 दिन तक चलेंगे

पूर्वजों को याद करने और उनके पूजन करने वाले श्राद्ध 20 सितंबर से शुरू हो रहे हैं जो छह अक्तूबर तक चलेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 07:08 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 07:08 AM (IST)
श्राद्ध आज से, इस बार 17 दिन तक चलेंगे
श्राद्ध आज से, इस बार 17 दिन तक चलेंगे

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पूर्वजों को याद करने और उनके पूजन करने वाले श्राद्ध 20 सितंबर से शुरू हो रहे हैं, जो छह अक्तूबर तक चलेंगे। इस बार पंचमी का श्रद्धा 25 और 26 सितंबर को एक साथ आ रहा है, जिसके चलते श्राद्ध 16 के बजाए 17 दिन होंगे और इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं होगा। इसमें किसी भी माह की कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष पूर्णिमा से चतुर्दशी को हुए स्वर्गवास वालों का श्राद्ध तिथि वार किया जाता है। सनातन धर्म के धार्मिक ग्रंथों की मानें तो श्राद्ध करने से पितरों को आत्मिक शांति मिलती है और उनकी आगे का सफर आसान हो जाता है। इसके साथ ही श्राद्ध करने वाले परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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किस दिन होगा कौन सा श्राद्ध-

तिथि दिनांक

पूर्णिमा 20

प्रतिपदा 21

द्वितीय 22

तृतीय 23

चतुर्थी 24

पंचमी 25

पंचमी 26

षष्ठी 27

सप्तमी 28

अष्टमी 29

नवमी 30 सितंबर

दशमी एक अक्तूबर

एकादशी दो

द्वादशी तीन

त्रयोदशी चार

चुतर्दशी पांच

अमावस्या छह अमावस्या का श्राद्ध होता है श्रेष्ठ

अमावस्या का श्राद्ध श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन भूली-बिसरी तिथि सहित सभी का श्राद्ध किया जा सकता है। श्राद्ध या पिडदान प्रमुखतया तीन पीढि़यों तक के पितरों को दिया जाता है। पितृपक्ष में किए गए कार्यो से पूर्वजों की आत्मा को तो शांति प्राप्त होती ही है, साथ ही कर्ता को भी पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।

पंडित अनिल शास्त्री, महाकाली माता मंदिर पंचशील एनक्लेव जीरकपुर।


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