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वीवीआइपी सेक्टरों में सूख गए भूजल भंडार

चंडीगढ़ देश का इकलौता ऐसा शहर है जिसका ग्रीन कवर कुल भौगोलिक एरिया का 47 फीसद है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 06:30 AM (IST)
वीवीआइपी सेक्टरों में सूख गए भूजल भंडार
वीवीआइपी सेक्टरों में सूख गए भूजल भंडार

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ देश का इकलौता ऐसा शहर है, जिसका ग्रीन कवर कुल भौगोलिक एरिया का 47 फीसद है। पेड़ अपनी जड़ों के माध्यम से पानी को संजो कर रखते हैं। बावजूद इसके चंडीगढ़ का भूजल भंडार तेजी से सूख रहा है। यही हाल रहा तो शहर पूरी तरह से नदी के पानी पर निर्भर हो जाएगा। भूजल के नाम पर खाली भंडार बचेंगे। इसके पीछे शहर का सरफेस एरिया भी कारण बन रहा है। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड इसके लिए यूटी प्रशासन को चेतावनी जारी कर चुका है। साथ ही जरूरी कदम उठाने के लिए हिदायत दे चुका है। सबसे पहले सुखना लेक के साथ लगते वीवीआइपी सेक्टरों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इन सेक्टरों का भूजल स्तर बेहद तेजी से नीचे खिसक रहा है। पीने लायक पानी अब बहुत गहराई पर मिलता है। जितनी तेजी से पानी जमीन से निकाला जा रहा है उससे बेहद कम मात्रा में रिचार्ज हो रहा है। सुखना के साथ लगते नार्थ ईस्ट के इन सेक्टरों के मुकाबले साउथ सेक्टरों में भूजल की स्थिति काफी ठीक है। सुखना लेक के साथ लगते वीवीआईपी सेक्टर-3 में भूजल 53.64 मीटर बिलो ग्राउंड लेवल है। वहीं बुडैल में शैलो वाटर 2.75 मीटर बिलो ग्राउंड लेवल पर उपलब्ध है। एक छोर से शहर के दूसरे छोर में ही ग्राउंड वॉटर लेवल में 50 मीटर से अधिक का अंतर है। जो चिता बढ़ाने वाला है। यह अंतर साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। क्या हैं मुख्य कारण

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शिवालिक की तलहटी में चंडीगढ़ बसा है। इसकी भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि सुखना लेक के साथ लगते सेक्टरों की तरफ से ढलान साउथ के सेक्टरों की तरफ है। ढलान होने से बरसात का पानी इन सेक्टरों में ठहरता नहीं है। यह पानी तुरंत बहकर साउथ की तरफ चला जाता है। पानी ठहरता ही नहीं है, जिससे रिचार्ज ही नहीं होता। साउथ सेक्टरों में भूजल इसलिए काफी ऊपर है। पानी के दोहन की बात करें चंडीगढ़ में स्टेज ऑफ ग्राउंड वॉटर डेवलपमेंट केवल 89 फीसद है। रेन वाटर हार्वेस्टिग बढ़ाएगा जलस्तर

पूरे शहर में जलस्तर को बेहतर करना है तो रेन वाटर हार्वेस्टिग पर काम करना होगा। निर्धारित 500 वर्ग गज या इससे अधिक की प्रॉपर्टी में यह सिस्टम लगाना सुनिश्चित करना होगा। रोटरी चंडीगढ़ शिवालिक और दैनिक जागरण मिलकर यह सिस्टम इंस्टाल कराने का अभियान शुरू कर चुके हैं। इसमें लोगों को यह सिस्टम इंस्टाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत प्रशासन जरूरी कदम उठाए यह सुनिश्चित किया जाएगा। पार्क, ओपन एरिया, फॉरेस्ट एरिया और अन्य जगहों पर छोटी-छोटी वाटर बॉडी बनानी होंगी। जिससे इनमें पानी जमा हो सके और रिचार्ज होता रहे। दैनिक जागरण करेगा जागरूक

दैनिक जागरण रोटरी चंडीगढ़ शिवालिक के साथ मिलकर रेन वाटर हार्वेस्टिग के प्रति जागरूक करने का अभियान शुरू कर रहा है। इसमें तकनीकी पहलुओं से जुड़ी हर जानकारी आप तक पहुंचाने के साथ प्रशासनिक स्तर पर आ रही अड़चनों को भी दूर कराने में आपके साथ खड़ा होगा। आप भी बनिए धरती को वापस देने के इस अभियान का हिस्सा रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगा कीजिए नई पहल। अगर आप इस सिस्टम से जुड़ी कोई भी निशुल्क जानकारी चाहते हैं तो 9815047017 या 8591886804 पर संपर्क कर सकते हैं।


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