एरोट्रोपोलिस को बसाने की कवायद हुई तेज
ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) ने ईको सिटी टू के ड्रा निकालने के बाद अब एयरपोर्ट के नजदीक टाउनशिप एरोट्रोपोलिस को बसाने की कवायद तेज कर दी है। गमाडा ने 11 गांवों में 1700 एकड़ जमीन अधिगृहित करने का मुआवजा घोषित कर दिया है।
जागरण संवाददाता, मोहाली : ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) ने ईको सिटी टू के ड्रा निकालने के बाद अब एयरपोर्ट के नजदीक टाउनशिप 'एरोट्रोपोलिस' को बसाने की कवायद तेज कर दी है। गमाडा ने 11 गांवों में 1700 एकड़ जमीन अधिगृहित करने का मुआवजा घोषित कर दिया है। जिमींदारों को मुआवजा 1.82 करोड़ रुपये से लेकर 4 करोड़ प्रति एकड़ तक दिया जाएगा। गमाडा ने अब तक दिए गए मुआवजे में इसकी राशि सबसे अधिक रखी है। 2019 में गमाडा ने ईकोसिटी-3 में 322 एकड़ जमीन का मुआवजा 1.80 करोड़ से लेकर 2.40 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से दिया था। जिन 11 गांवों की जमीन का मुआवजा देने का एलान किया गया है, उनमें गांव छत, नारायणगढ़, रूड़का, सफीपुर, चाउमाजरा, मटरां, बांकरपुर, मनौली, सैनीमाजरा, पत्तों और स्याऊ शामिल हैं। इन गांवों में से छत गांव का मुआवजा सबसे ज्यादा है और सबसे कम मुआवजा गांव स्याऊ का है। गमाडा के भूमि अधिग्रहण अधिकारी जगदीप सहगल ने बताया कि गमाडा ने 1700 एकड़ जमीन का मुआवजा देने की घोषणा की है। गमाडा ने बांकरपुर के लिए 2.19 करोड़, रूड़का के लिए 2.97 करोड़, सफीपुर 2.82 करोड़, मटरां के लिए 2.23 करोड़, स्याऊ के लिए 1.82 करोड़, मनौली के लिए 2.18 करोड़, पत्तों के लिए दो करोड़, सैनी माजरा के लिए 2.17 करोड़, चाउमाजरा के लिए 2.46 करोड़, नारायणगढ़ 3.39 करोड़, छत के लिए चार करोड़ रुपये मुआवजा फिक्स किया गया है। गमाडा ने इस योजना को चार जोन ए, बी, सी और डी में बांटा गया है। अब करीब एक माह बाद चारों जोन में विकास कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए गमाडा ने दिल्ली की एक कंपनी को हायर किया है। जोकि चारों जोन का विकास करेगी। यह टाउनशिप गमाडा की एरोसिटी का विस्तार है और रिहायशी और व्यावसायिक दोनों साइटों को शामिल करेगी। गमाडा के अधिकारियों के मुताबिक जमीन मालिक मुआवजे के बदले लैंड पुलिग योजना भी ले सकते हैं। एक एकड़ के प्रति जमीन मालिक को लैंड पुलिग के तहत 1000 गज रेजिडेंशियल और 200 गज का शोरूम मिलेगा।