हाई कोर्ट ने पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट के फैसले को किया रद, प्रस्ताव पर भी उठाए सवाल
हाई कोर्ट ने पंजाब यूनिवर्सिटी काे करारा झटका दिया है। अदालत ने सीनेट द्वारा मुनीश की ग्रेजुएट कॉस्टीट्वेंसी से नाम हटाए जाने के प्रस्ताव को ही रद कर दिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था द्वारा सीनेट सदस्य मुनीश पाल सिंह उर्फ मुनीश वर्मा का ग्रेजुएट कॉस्टीट्वेंसी से नाम हटाए जाने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने मुनीश को राहत दी है। अदालत ने सीनेट द्वारा मुनीश की ग्रेजुएट कॉस्टीट्वेंसी से नाम हटाए जाने के प्रस्ताव को ही रद कर दिया है। इसके साथ ही जस्टिस फतेहदीप सिंह की कोर्ट ने मुनीश वर्मा दायर याचिका का निपटारा कर दिया है।
हाई कोर्ट ने सीनेट द्वारा मुनीश वर्मा का नाम हटाए जाने के प्रस्ताव पर भी सवाल उठाया है। कहा है कि कोरम पूरा किए बिना प्रस्ताव कैसे पास कर दिया गया। हाई कोर्ट ने कहा कि कोई भी प्रस्ताव पास करने से पहले सीनेट में सदस्यों का कोरम पूरा होना चाहिए। सीनेट के तय नियमों के अनुसार किसी सदस्य ग्रेजुएट कॉस्टीट्वेंसी से सदस्यता रद किए जाने के लिए सीनेट के दो-तिहाई सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पास किया जाना जरूरी है।
सीनेट में कुल 91 सदस्य
हाई कोर्ट ने कहा कि सीनेट में कुल 91 सदस्य हैं। ऐसे में इसका दो-तिहाई हुआ 61 सदस्य। लेकिन मुनीश वर्मा के खिलाफ लाए गए इस प्रस्ताव को पास करने के दौरान सीनेट में सिर्फ 38 सदस्य मौजूद थे। साफ है कि सीनेट की इस बैठक में दो-तिहाई सदस्य ही उपस्थित नहीं थे और कोरम पूरा नहीं था। ऐसे में मुनीश वर्मा के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव को पास किया जाना सीधे तौर पर अवैध और नियमों का उलंघन है।