चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकानों में पीजी को मिलेगी मंजूरी
सीएचबी बोर्ड मीटिग में लाया जा रहा पीजी मंजूरी देने का एजेंडा।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : पहली बार चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड अपने मकानों में पेइंग गेस्ट (पीजी) को मंजूरी देने जा रहा है। अभी तक पीजी को सीएचबी मकानों में अवैध माना जाता था। लेकिन अब वैध तरीके से इन्हें मंजूरी दे दी जाएगी। इसके लिए वीरवार को होने वाली सीएचबी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिग में एजेंडा लाया जा रहा है। बोर्ड मीटिग में मंजूरी मिलते ही पीजी वैध हो जाएंगे। किस आधार पर और किन कैटेगरी के मकानों में पीजी को मंजूरी दी जाएगी। इसका खाका बोर्ड मीटिग में चर्चा के बाद तैयार होगा। इसके लिए नियम-कायदे निर्धारित होंगे। बड़े मकानों में भी पीजी को मंजूरी मिलेगी। किस कैटेगरी के मकान में कितने पेइंग गेस्ट रखे जा सकते हैं, बोर्ड इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करेगा। ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में पीजी नहीं चल सकेंगे। पीजी के लिए बोर्ड से अप्रूवल लेनी अनिवार्य होगी। साथ ही नियम-कायदे नहीं मानने पर मकान की अलॉटमेंट रद करने का प्रावधान रखा जाएगा। बता दें कि बोर्ड के सैकड़ों मकानों में पहले से ही पीजी चल रहे हैं। इन पीजी की शिकायत अकसर बोर्ड के पास आती रही है। अग्निकांड के बाद कराए सर्वे में सामने आए अवैध पीजी
सेक्टर-32 में पीजी अग्निकांड में लड़कियों की मौत के बाद जागे सीएचबी ने अपने मकानों में भी पीजी चलने का सर्वे कराया था। इस फिजिकली सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे आए। जिसमें सामने आया कि बोर्ड का कोई कांप्लेक्स ऐसा नहीं है, जिसमें अवैध पीजी नहीं चल रहे। बोर्ड अलॉटियों ने अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन कर पीजी खोल रखे हैं। ग्राउंड फ्लोर पर खुद रहकर फर्स्ट फ्लोर पीजी के लिए रखा है। इन सभी बातों को देखते हुए पीजी को लीगल करने का एजेंडा बोर्ड मीटिग में लाया जा रहा है। इसी कांड के बाद चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस ने भी नए पीजी का रजिस्ट्रेशन तेजी से किया। साथ ही अवैध पर सख्ती करते हुए कार्रवाई भी की। रजिस्ट्रेशन के लिए हेल्प डेस्क तक लगाए। सेक्टर-53 हाउसिग स्कीम का भविष्य होगा तय
सीएचबी बोर्ड मीटिग में सेक्टर-53 की जनरल हाउसिग स्कीम का एजेंडा भी ला रहा है। 492 फ्लैट की इस स्कीम में रेट घटाने के बाद भी फ्लैट की संख्या जितने आवेदन भी नहीं आए थे। जिसके बाद बोर्ड ने प्रशासन से स्कीम में फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) बढ़ाने की मंजूरी मांगी थी। लेकिन आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट ने इसकी मंजूरी नहीं दी। अब इस स्कीम का आगे क्या करना है, इसका भविष्य तय करने के लिए एजेंडा लाया जा रहा है। चर्चा के बाद निर्णय होगा कि इसे आगे बढ़ाया जाए या बंद कर दिया जाए। इसके अलावा इंप्लाइज और हाउस अलॉटी के निजी मामले बोर्ड मीटिग में आएंगे।