मोहाली में हो रही ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, पुलिस ने छह महीने में काटे 27168 चालान
युवा हो या अधेड़ वाहन का स्टेयरिंग हाथ में आते ही कानून को ताक पर रख देते हैं। लोगो की गैरजिम्मेदारी के कारण ही कई बार भयानक सड़क हादसे हो जाते हैं।
मोहाली, जेएनएन। शहर की सड़कों पर रैस ड्राइविंग के शौकीन खुद के साथ दूसरों को लिए भी परेशानी का कारण बनते हैं। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करना शहरवासियों की आदत बनती जा रही है। खासकर युवा नियमों की अनदेखी करते हैं, जिस कारण हादसे होते हैं। ट्रैफिक पुलिस ऐसे लोगों का चालान भी काटती है। बावजूद लोग अपनी मनमानी से बाज नहीं आते। चंडीगढ़ में लागू सख्त नियमों के नक्शे कदम पर चलते हुए अब मोहाली को भी अपने यातायात कानूनों को सख्त बनाने की दिशा में अग्रसर होना लाजमी हो गया है।
छह महीने में 27168 चालान
मोहाली पुलिस ने पिछले छह महीने में ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने वालों के 27 हजार 168 चालान काटे हैं। हालांकि इन आंकड़ों में लॉकडाउन दौरान मास्क न पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग के चालान शामिल नहीं है। काटे गए इन चालान में विदाउट हेलमेट, बिना आरसी, टू व्हीलर पर ट्रिपल राइडिंग, रॉन्ग पार्किग, रेड लाइट जंप, ब्लैक फिल्मिग, ड्राइविंग के दौरान सीट बेल्ट न लगाना, विदाउट लाइसेंस व ओवर स्पीड अहम थे। इस लॉकडाउन में ही पुलिस महकमे का खजाना भर गया और साल भर का चालान खाता भी पूरा हो गया।
यातायात नियमों की उल्लंघना जारी
साल भर में मोहाली जिले की सड़कों पर कानून तोड़कर जान गंवाने वालों का आंकड़ा सैकड़ों में नहीं बल्कि हजारों में होता है। युवा हो या अधेड़ वाहन का स्टेयरिंग हाथ में आते ही कानून को ताक पर रख देते हैं। यही कारण है कि सड़कों पर दुर्घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। ऐसे में अगर कानून सख्त होंगे तो लोग भी इनकी पालना करेंगे।
विदआउट हेलमेट के सबसे ज्यादा चालाना
विदाउट आरसी -529, ट्रिपल राइडिंग-615, रॉन्ग पार्किंग-1264, रेड लाइट जंप-5705, ब्लैक फिल्मिंग -170, विदाउट हेलमेट-7232, विदाउट सीट बेल्ट-2020, विदाउट लाइसेंस -840, मोबाइल इस्तेमाल -208, विदाउट नंबर प्लेट-97, विदाउट डॉक्यूमेंट -1725, ड्रिंक एंड ड्राइव-119, ओवर स्पीड-90 ,जेब्रा क्रॉसिंग-190
हमारा मकसद चालान काटना या राजस्व इकट्ठा करना नहीं होता, बल्कि लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना होता है। जितना ज्यादा ट्रैफिक नियमों का पालन किया जाएगा, सड़क हादसों में उतने ही कम होंगे। 2019 के मुकाबले 2020 में अब तक चालान भी बढ़े हैं और चालान राशि भी।
-गुरइकबाल सिंह, डीएसपी ट्रैफिक