मोहित ने गायकी में ढूंढा जीवन, पंजाब यूनिवर्सिटी से संगीत की शिक्षा लेकर किया सपना पूरा Chandigarh News
मोहित हरियाणा के हिसार के रहने वाले है। गायकी में शुरूआत गुरु रामचंद्र के साथ हुई। दो साल उनसे सीखा। बाकी प्रेरणा पिता से मिली।
चंडीगढ़, जेएनएन। लोग कहते हैं कि मैंने गायकी को चुना, बल्कि मुझे लगता है इसने मुझे चुना है। इसलिए बचपन से ही मैं इस और खिंचा चला आता हूं। महज 11 वर्ष की उम्र में ही मैंने ठान लिया था कि इसी और आगे बढू़ंगा। इसी वजह से आज अपना पहला सोलो ट्रैक रात हनेरे रिलीज कर पाया। गायक मोहित शर्मा कुछ इसी अंदाज में बात करते हैं। मोहित पंजाब यूनिवर्सिटी से ही पढ़े हैं। बोले की शहर में रहकर ही बैंड द एडिक्शन ऐज बनाया। इसके बाद यहां कई जगह प्रस्तुति दी।
पंजाब यूनिवर्सिटी से ली संगीत की शिक्षा
मोहित हरियाणा के हिसार के रहने वाले है। गायकी में शुरूआत गुरु रामचंद्र के साथ हुई। दो साल उनसे सीखा। बाकी प्रेरणा पिता से मिली। वो भजन गायक रहे हैं। 11 वर्ष की उम्र में उनके साथ जाता था। पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आया अाैर यहां पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) एमए में प्रथम रहा। इसके बाद म्यूजिक में एमफिल की। सेमी-क्लासिकल की पढ़ाई की। ऐसा इसलिए ताकि हर गाने की फील का पता लग सके। मुङो इंडिपेंडेट म्यूजिक बनाना ही बेस्ट लगता है।
म्यूजिक की पढ़ाई से बेसिक तकनीक का पता लगा
इसलिए चार साल पहले इंडिपेंडेंट सूफी फ्यूजन बैंड बनाया। उसके साथ परफॉर्मेंस का सिलसिला चलता गया। साथ ही म्यूजिक पर काम करना जारी रहा। म्यूजिक की पढ़ाई से बेसिक तकनीक का पता लगा जाता है, लेकिन म्यूजिक पढ़ने से कहीं ज्यादा चार कलाकारों के साथ बैठने से इसकी गहराई का पता चलता है। उम्मीद है कि लोग मुझे और मेरे गीत को पसंद करेंगे।