तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय होलिस्टिक हीलिंग कांफ्रेंस शुरू
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्टूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड होलिस्टिक हीलिग कांफ्रेंस शुक्रवार को शुरू हो गई।
जागरण संवाददाता, मोहाली : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्टूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय 'इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड होलिस्टिक हीलिग' कांफ्रेंस शुक्रवार को शुरू हो गई। सेमिनार को द क्वांटम क्लिनिक मोहाली द्वारा होलिस्टिक हीलिग ट्रस्ट और मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल मोहाली के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, साउंड थेरेपी, योग, नेचुरोपैथी, एक्यूपंक्चर, ओजोन थेरेपी जैसे विभिन्न थेरेपी के विशेषज्ञों के साथ अन्य हेल्थ विशेषज्ञ भी हिस्सा ले रहे हैं। ये सभी एक ही जगह पर एकत्र होकर विश्वभर में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए हीलिग यानि चिकित्सा पद्धतियों के उपयोग पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। ऑन्कोलॉजिस्ट और सेमिनार के मुख्य आयोजक डॉ. सचिन गुप्ता ने बताया कि आर्गेनिक जीवनशैली और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और विभिन्न विषयों पर वर्कशॉप, डांस थेरेपी, योग और संगीत को समृद्ध करना समारोह का उद्देश्य है।
समारोह में मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक विवेक अत्रे ने द पॉवर ऑफ बिलीफ और विश्वास प्रणाली के माध्यम से जीवन को बेहतर बनाने के तरीके के बारे में बात की। डॉ. श्वेता गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, ऑबस्टेट्रिक्स और गाइनोकोलॉजी, मैक्स हॉस्पिटल ने सोलफुल प्रेगनेंसी (आत्मीय गर्भावस्था) और नवजात के आगमन के लिए अपने शरीर, मन और आत्मा को तैयार करने के बारे में बात की। लाइफ कोच निमृत नैन गिल ने आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य के बारे में बात की, जहां उन्होंने स्वास्थ्य, खुशी और आत्म-साक्षात्कार के बीच महत्वपूर्ण कड़ी को जोड़ते हुए अपने आप को आध्यात्मिकता से ठीक करने के तरीके पर प्रकाश डाला।
डायरेक्टर, हाइपोथेरेपी स्कूल ऑफ इंडिया ब्लॉसम फर्टाडो ने उपचार के लिए पुराने कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने के लिए अवचेतन मन का उपयोग करने के लिए लाइहस थेरेपी थ्योराप्यूटिक तकनीकों और प्रेक्टिसिज के बीच परिवर्तनकारी हाइपोथेरेपी, आध्यात्मिक विकास के बारे में बात की। सलाहकार, एमओएस आयुष डॉ. नवल कुमार वर्मा ने भारत के हेल्थकेयर में आयुष की भूमिका के बारे में बात की। इस दौरान अन्य वक्ताओं की ओर से विचार रखे गए।