फिर लिखेंगे चंडीगढ़ का इतिहास
पिछले वर्ष मैं चंडीगढ़ आया। पेशे से फिल्म मेकर हूं इसलिए कहानी सुनाना पसंद है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पिछले वर्ष मैं चंडीगढ़ आया। पेशे से फिल्म मेकर हूं, इसलिए कहानी सुनाना पसंद है। इस शहर ने मुझे एक अलग नजरिया दिया। यहां के बनने की कहानी और इसका आर्किटेक्ट सच में खूब है। इसे आप केवल एक आर्किटेक्ट का पीस नहीं बल्कि एक बेहतरीन आर्ट पीस कह सकते हैं। उसी दौरान मुझे लगा कि यहां पर कुछ अलग किया जाना चाहिए। मैंने स्टडी की। ली कार्बूजिए, पियरे जेनरे, पीएल वर्मा, एमएन शर्मा से जुड़ी कई बातों को जाना और फिर उस आधार पर हम चंडीगढ़ में अपना एक प्रोजेक्ट लाना चाहते थे। जिसमें सभी आर्किटेक्ट से जुड़ा कुछ न कुछ नया करने की चाहत थी। आर्टिस्ट पैरेक मुटून कुछ इन्हीं शब्दों में बिल्डिंग चंडीगढ़ के बारे में बात करते हैं। मंगलवार को वह यूटी गेस्ट हाउस -6 में अपने इस प्रोजेक्ट पर बातचीत करने पहुंचे। आलियांस फ्रांसिस चंडीगढ़ के साथ मिलकर वह इस प्रोजेक्ट को करेंगे। चार चरणों में होगा चडीगढ़ में प्रोजेक्ट
पैरेक ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत हम चार चरणों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करेंगे। इसमें-27 सितंबर को कार्बूजिए की याद में रोज गार्डन में इंपीरियल ट्री लगाया जाएगा। जो कार्बूजिए को बहुत पसंद था। पैरेक ने कहा कि ये पेड़ चाइना में पाया जाता है। चंडीगढ़ में ये कहीं भी नहीं लगाया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां का हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट कार्बूजिए के हाथ में नहीं था। ये पेड़ कार्बूजिए के स्विट्जरलैंड स्थित विला में भी उनकी पसंद के अनुसार उगाया गया था।
-28 सितंबर- सुखना लेक में कार्बूजिए और पीएल वर्मा पेडल बोट को लाना चाहते थे। ऐसे में एक नई पेडल बोट जो पूरी तरह से लकड़ी की बनी होगी को 28 सितंबर को सुखना लेक में उतारा जाएगा। इस बोट को लोकल क्राफ्ट्समैन द्वारा तैयार किया गया है।
-11 अक्टूबर-आलियांस फ्रांसिस-36 में विशेष प्रदर्शनी का आयोजन। इसमें ली कार्बूजिए द्वारा तैयार की गई टैपेस्ट्री पर आधारित ड्राइंग और स्केचिस को प्रदर्शित किया जाएगा। इन्हें लंदन और फ्रांस के कलाकारों ने तैयार किया है।
-20 अक्टूबर- चंडीगढ़ के आर्किटेक्ट पर विशेष वर्कशॉप का आयोजन। जिसमें चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर के स्टूडेंट्स को विशेष वर्कशॉप दी जाएगी, जिसमें चंडीगढ़ के हेरिटेज से जुड़ी फोटोग्राफी करवाई जाएगी। इसके अलावा पियरे जेनरे पर आधारित रेडियो पोडकास्ट का प्रसारण ऑनलाइन वेबसाइट पर होगा।