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जेल से बाहर रसोई बनाने के लिए प्रशासन ने दी मंजूरी, खर्चे जाएंगे 79,69,000 रुपये Chandigarh News

खाना बनाने के लिए रसोई में अच्छे आचरण वाले कैदियों को ही तैनात किया गया है। कैदियों को खाना बनाना सिखाने के लिए दो कुक भी रखे हुए हैं।

By Vikas KumarEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 03:04 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 03:04 PM (IST)
जेल से बाहर रसोई बनाने के लिए प्रशासन ने दी मंजूरी, खर्चे जाएंगे 79,69,000 रुपये Chandigarh News
जेल से बाहर रसोई बनाने के लिए प्रशासन ने दी मंजूरी, खर्चे जाएंगे 79,69,000 रुपये Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर की सभी आंगनबाड़ी और क्रेच में बच्चों को जेल में बंद कैदियों द्वारा तैयार खाना दिया जाता है। एक समाजसेवी द्वारा अदालत में दायर किए गए केस पर अदालत ने इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (जेल), बुड़ैल जेल के सुपरिंटेंडेंट सेक्टर-17 स्थित सोशल वेलफेयर बोर्ड के डायरेक्टर और मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एडं चाइल्ड डेवलपमेंट को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के लिए कहा था। इस मामले में सोमवार को इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (जेल), बुडै़ल जेल के सुपरिंटेंडेंट ने अपना जवाब दायर किया। वहीं बाकि पार्टियों ने अपना कोई जवाब दायर नहीं किया है। जिसपर अदालत ने मामले की अगली तारीख 23 सितंबर को जवाब दायर करने के लिए कहा है।

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जवाब दायर करते हुए जेल अथॉरिटी ने कहा कि खाना बनाने के लिए अलग से जेल के बाहर रसोई बनाई जाएगी। इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने मंजूरी दे दी है और इसको बनाने पर करीब 79,69,000 रुपये की लागत आएगी। बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन के आदेशों के बाद ही जेल प्रशासन ने अप्रैल, 2017 से शहर की 100 आंगनबाडिय़ों और 45 क्रेच में खाना बनाकर भेजना शुरू किया था। इसके साथ ही कहा कि खाना बनाने के लिए रसोई में अच्छे आचरण वाले कैदियों को ही तैनात किया गया है। कैदियों को खाना बनाना सिखाने के लिए दो कुक भी रखे हुए हैं। इसके लिए हेल्थ विभाग से लाइसेंस भी लिया हुआ है।

कैदियों से खाना इसलिए बनवाया जाता है ताकि अपनी सजा भुगतने के बाद गुजारा करने के लिए वह कोई काम यहां से सीख कर जाएं। रसोई घर में एंट्री होने से पहले सभी कैदियों की तालाशी ली जाती है। जहां पर खाना बनाया जाता है और जहां पर कच्चा माल उतरता है वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। खाना बनने के बाद उसकी जांच जेल कर्मचारियों और सोशल वेलफेयर बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा की जाती है उसके बाद ही खाना आगे स्टील के कंटेनरों में आंगनवाडिय़ों को भेजा जाता है।

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