पुलिस के आगे नहीं चली जत्थेबंदियों की, चार बसों में लोगों को भरकर ले गए थाने Chandigarh News
जत्थेबंदियों के पदाधिकारियों ने फेज-8 के दशहरा ग्राउंड में जमा होकर चंडीगढ़ कूच करना था लेकिन पुलिस ने मोहाली जिले के सभी बॉर्डर सील कर दिए थे।
मोहाली, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में कश्मीरियों के 370 व 35ए के मुद्दे और कश्मीरी लोगों के स्वयं निर्णय के हक में पंजाब की अलग-अलग जत्थेबंदियों के पदाधिकारी व नेता प्रशासन की रोक के बावजूद रविवार को मोहाली पहुंच गए। हालांकि मोहाली व चंडीगढ़ पुलिस ने प्रदर्शन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। जत्थेबंदियों के पदाधिकारियों ने फेज-8 के दशहरा ग्राउंड में इकट्ठा होकर चंडीगढ़ कूच करना था लेकिन पाबंदी होने के कारण पुलिस की ओर से मोहाली जिले के सभी बॉर्डर सील किए गए थे।
वहीं, दशहरा ग्राउंड फेज -8 में भी बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। डीसी गिरिश दयालन व एसएसपी कुलदीप सिंह चाहल खुद दशहरा ग्राउंड में मौजूद रहकर पहरा देते रहे। हालांकि बाद में जत्थेबंदियों की ओर से मोहाली में प्रेस वार्ता की गई। दोपहर बाद रेलवे स्टेशन पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने की नारेबाजी किसी तरह की कोई वॉयलेशन न हो, इसके लिए प्रशासन ने पहले ही बलौंगी-मोहाली आउटर, एयरपोर्ट रोड व जीरकपुर से मोहाली में एंटर होने वाले सभी रास्ते सील कर चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी थी।
सख्त पहरा होने के बावजूद भी कश्मीरी कौमी संघर्ष हिमायत कमेटी पंजाब के लोग मोहाली रेलवे स्टेशन पहुंचे जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। रविवार दोपहर करीब साढे़ 12 बजे कुछ प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन पर ही नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि कश्मीर में हर तरह के दहशत के दवाब भरे माहौल को खत्म किया जाए और कश्मीरियों को स्वयं निर्णय लेने की अनुमति दी जाए।
दूसरी मांग थी कि धारा-370 व 35ए को खत्म करने पर जम्मू-कश्मीर को बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला तुरंत वापस लिया जाए। तीसरा कारपोरेटों को वहां लूट मचाने की दी गई छूट को रद किया जाए। चौथा कश्मीर में जबरदस्ती लागू की गई पाबंदियां बंद की जाएं और गिरफ्तार लोगों को रिहा किया जाए। इसके अलावा वहां तैनात की गई आर्मी को वापस बुलाया जाए। इस तरह की नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने शांति बनाए रखने का हवाला देते हुए घेर लिया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस चार बसों में बैठाकर अपने साथ पहले खरड़ थाने ले गई जहां उनकी वेरिफिकेशन के बाद उन्हें सरहिंद रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया गया।
कोर्ट ने मांगा था जवाब, डीसी ने प्रदर्शन पर लगाई थी रोक
बताया जा रहा है कि कश्मीरी लोगों द्वारा किए जाने वाले प्रदर्शन को लेकर किसी ने लॉ एंड ऑर्डर खराब होने से बचाने सबंधी कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने इस मुद्दे पर डीजीपी से जवाब मांगा था। जिसको लेकर ग्राउंड वर्क जानने के लिए डीसी ने अलग-अलग विभागों की 14 सितंबर को मीटिंग लेकर रिपोर्ट तैयार की थी। इस मीटिंग में एसएसपी, दमकल विभाग, मोहाली के काउंसलर व सभी थानों के एसएचओ मौजूद थे। अपनी रिपोर्ट में एसएसपी ने बताया था कि इस समय कश्मीरियों का मुद्दा काफी संवेदनशील है क्योंकि यहां काफी कश्मीरी लोग रहते हैं, जिस कारण शहर का माहौल खराब हो सकता है।
डीसी ने लगा दी थी धारा 144
काउंसलरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मोहाली का एरिया काफी कंजस्टेड है। रोष प्रदर्शन दौरान लोगों को काफी परेशानी होती है। वहीं, दमकल विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि प्रदर्शन दौरान होने वाली अप्रिय घटना में कम समय में ज्यादा गाडि़यों का प्रबंध नहीं हो सकता। इसलिए जत्थेबंदियों के प्रदर्शन पर रोक लगाई जाए। माहौल खराब न हो, इसके लिए डीसी ने धारा-144 लागू कर प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।