DGP के कुक से 17 लाख की ठगी, अच्छे रिटर्न का लालच दे ऐसे फंसाया जाल में Chandigarh News
कंपनी के डायरेक्टर जितेंदर सिंह और विश्वेंद्र सिंह और कंपनी ओला-ऊबर की कैब सर्विस देशभर में लांच करने जा रही है। इन्वेस्टमेंट करने वालों को कंपनी अच्छा रिटर्न देगी।
By Edited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 12:49 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 12:27 PM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस संजय बेनीवाल के कुक मनोज चमौली से कैब कंपनी में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 17 लाख 18 हजार 500 रुपये हुई है। सेक्टर-5 स्थित मकान में कुक का काम करने वाले मनोज चमौली सेक्टर-26 पुलिस लाइन में परिवार के साथ रहते हैं। मामले में सेक्टर-26 थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच और तलाश शुरू कर दी। शिकायतकर्ता मनोज चमौली ने बताया कि अक्टूबर 2018 में उसको पीके मिश्रा नामक व्यक्ति की वाट्सअप कॉल आई थी। उसने बताया कि वह टॉपराइड कैब सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड फर्स्ट फ्लोर, 7बी नेहरू नगर अपार्टमेंट गांधी नगर आगरा उत्तर प्रदेश में काम करता है। इस कंपनी के डायरेक्टर जितेंदर सिंह और विश्वेंद्र सिंह और कंपनी ओला-ऊबर की कैब सर्विस देशभर में लांच करने जा रही है। इन्वेस्टमेंट करने वालों को कंपनी अच्छा रिटर्न देगी।
दूसरे टीम लीडर से बात करवा झांसे में फंसाया
मनोज चमौली ने बताया कि आरोपित पीके मिश्रा ने मेरी बात दूसरे टीम लीडर रमेश और डायरेक्टर जितेंदर सिंह से करवा झांसे में फंसा लिया। उन्होंने अपनी कंपनी को नामी होने का भरोसा दिलाकर अलग-अलग इन्वेस्टमेंट के प्लान भी और रिटर्न भी बताया था। आरोपित बार-बार कॉल कर वाट्सअप नंबर पर दस्तावेज भेजते थे। इस बीच कंपनी की वेबसाइड को चेक किया। जिसके बाद प्लान अच्छा लगने पर कंपनी में अपने अकाउंट से कई बार में 17 लाख 18 हजार 500 रुपये इन्वेस्ट कर दिए। इसमें उसके जानकार चंपा ठाकूर ने उसी बैंक अकाउंट से पैसा इन्वेस्ट किया है।
रिटायर्ड चीफ जस्टिस से भी ठगी में पुलिस खाली हाथ
भारत सरकार द्वारा बनाए 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लिब्राहन आयोग अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस मनमोहन ¨सह लिब्राहन को नकली बैंक कर्मी ने डेबिट कार्ड वेरिफिकेशन के नाम पर कॉल कर अकाउंट से दो लाख 31 हजार रुपये की ठगी की थी। सेक्टर-9 में रहने वाले 80 वर्षीय रिटायर्ड चीफ जस्टिस की शिकायत पर साइबर सेल जांच में लगी है। इसके अलावा कई रिटायर्ड जस्टिस और जस्टिस को ठगी की कॉल पर यूटी पुलिस खाली हाथ है।
दूसरे टीम लीडर से बात करवा झांसे में फंसाया
मनोज चमौली ने बताया कि आरोपित पीके मिश्रा ने मेरी बात दूसरे टीम लीडर रमेश और डायरेक्टर जितेंदर सिंह से करवा झांसे में फंसा लिया। उन्होंने अपनी कंपनी को नामी होने का भरोसा दिलाकर अलग-अलग इन्वेस्टमेंट के प्लान भी और रिटर्न भी बताया था। आरोपित बार-बार कॉल कर वाट्सअप नंबर पर दस्तावेज भेजते थे। इस बीच कंपनी की वेबसाइड को चेक किया। जिसके बाद प्लान अच्छा लगने पर कंपनी में अपने अकाउंट से कई बार में 17 लाख 18 हजार 500 रुपये इन्वेस्ट कर दिए। इसमें उसके जानकार चंपा ठाकूर ने उसी बैंक अकाउंट से पैसा इन्वेस्ट किया है।
रिटायर्ड चीफ जस्टिस से भी ठगी में पुलिस खाली हाथ
भारत सरकार द्वारा बनाए 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लिब्राहन आयोग अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस मनमोहन ¨सह लिब्राहन को नकली बैंक कर्मी ने डेबिट कार्ड वेरिफिकेशन के नाम पर कॉल कर अकाउंट से दो लाख 31 हजार रुपये की ठगी की थी। सेक्टर-9 में रहने वाले 80 वर्षीय रिटायर्ड चीफ जस्टिस की शिकायत पर साइबर सेल जांच में लगी है। इसके अलावा कई रिटायर्ड जस्टिस और जस्टिस को ठगी की कॉल पर यूटी पुलिस खाली हाथ है।
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