Move to Jagran APP

लाखों की खरीदी मशीनरी फिर भी सैंपलों की जांच निजी प्रयोगशालाओं में

नगर निगम ने साल 2016 में मशीनरी और गाड़ी खरीदी थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 06:57 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 10:38 PM (IST)
लाखों की खरीदी मशीनरी फिर भी सैंपलों की जांच निजी प्रयोगशालाओं में

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सड़कों की कारपेटिग के समय डाली जा रही सामग्री की क्वालिटी को चेक करने के लिए जो नगर निगम ने साल 2016 में मशीनरी और गाड़ी खरीदी थी। लेकिन इनका प्रयोग एक बार भी नहीं हुआ है। मामले की शिकायत सीबीआइ और चीफ विजिलेंस ऑफिसर के पास पहुंच गई है। कांग्रेस के पार्षद सतीश कैंथ ने इसकी शिकायत की है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि सड़क के निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री का निजी प्रयोगशाला में जांच की जा रही है। ऐसे में उन्होंने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने इस टेस्टिंग मशीन और वाहन को अपने निजी हित के लिए खरीदा। लेकिन प्रयोग नहीं किया। मालूम हो कि यह मशीनरी उपकरण इस समय नगर निगम की बेसमेंट में धूल फांक रही है। पार्षद कैथ ने अपनी शिकायत में कहा है कि मशीनरी का प्रयोग मोबाइल टेस्टिंग के तौर पर होना था जिसके लिए एक बोलेरो गाड़ी भी खरीदने का प्रस्ताव पास हुआ था। उस समय जब यह प्रस्ताव पास हुआ था तो अधिकारियों ने कहा था कि यह मशीन ऑन द स्पॉट पर ले जाकर सामग्री को चेक किया जाएगा। कैंथ का कहना है कि नगर निगम ने बोलेरो गाड़ी की जगह टाटा गाड़ी अपने आप खरीद ली। शिकायत में कहा गया है कि बाहर से जांच करवाने पर ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। कैंथ का आरोप : भ्रष्टाचार को दिया जा रहा बढ़ावा

loksabha election banner

कैंथ का कहना है कि उन्होंने नगर निगम में हाल ही में लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार का मामला भी सदन में उठाया था लेकिन नगर निगम में भाजपा का कब्जा होने के कारण इस बात पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिस कारण जनता के पैसे की अधिकारी लगातार प्राप्त बर्बादी कर रहे हैं। ऐसे में अब सारे सिस्टम की इन्क्वायरी होना जरूरी है। मालूम हो कि पिछले 2 साल में शहर में 50 करोड़ से ज्यादा सड़कों की कारपेटिग पर खर्चा हो चुका है। हर 5 साल में एक बार सड़क की कारपेटिग करने का नियम है लेकिन इसके बावजूद कई सड़कों की हालत एक साल में ही खस्ता हो जाती है। अधिकारियों से मांगी है रिपोर्ट : मेयर

मेयर राजेश कालिया का कहना है कि मशीनरी खरीदने के बावजूद प्रयोग न होने का मामला उनके संज्ञान में आया है। इस बारे में अधिकारियों से डिटेल रिपोर्ट मांगी है।अगर मशीनरी खरीदने के बावजूद प्रयोग नहीं हुआ तो यह गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.