डंपिंग ग्राउंड का कचरा मार्च 2021 तक साफ, मनीमाजरा में 24 घंटे वाटर सप्लाई नहीं
साइकिल शेयरिग और मरे हुए जानवरों के संस्कार प्लांट लगाने के लिए कंपनियों ने नहीं दिखाई रूचि।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : डड्डूमाजरा के डंपिंग ग्राउंड में बने कचरे के पहाड़ से शहरवासियों को 2021 मार्च तक पूरी तरह से राहत मिल जाएगी। अक्तूबर माह में यहां पर पड़े कचरे को प्रोसेस करने का काम शुरू हो जाएगा। सोमवार को स्मार्ट सिटी के कुल नौ प्रोजेक्ट्स के लिए आए टेंडर खोले गए। जिसमें डंपिग ग्राउंड के 50 हजार टन पड़े कचरे को प्रोसेस करने के लिए चार कंपनियों ने बिड दी है जिनमें से एक का चयन करके इसकी अलॉटमेंट अगले माह तक कर दी जाएगी। लेकिन मनीमाजरा में शुरू होने वाले 24 घंटे पानी की सप्लाई के पायलट प्रोजेक्ट के लिए एक भी कंपनी सामने नहीं आई है। ऐसे में यह प्रोजेक्ट खतरे में पड़ गया है। इस समय डड्डूमाजरा में बने कचरे के पहाड़ से पूरा शहर परेशान है। इस प्रोजेक्ट पर 40 करोड़ की लागत खर्च होगी। 16 एकड़ में पड़े कचरे को प्रोसेस किया जाएगा। डड्डूमाजरा के कचरे को प्रोसेस करने के अलावा टर्शरी वाटर के लिए स्काडा सिस्टम लगाने के लिए पांच कंपनियों की बिड आई है। मनीमाजरा में स्मार्ट वाटर मीटर लगाने के टेंडर की तारीख 22 तक बढ़ाई
मनीमाजरा में स्मार्ट वाटर मीटर लगाने का टेंडर की तारीख कंपनियों की मांग पर 22 जुलाई तक बढ़ा दिया है। इसके तहत 13 हजार 700 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। स्मार्ट मीटर को मनीमाजरा में बनने वाले स्काडा से जोड़ा जाएगा। वहां बैठे कर्मचारियों को मीटर की रीडिग के बारे में जानकारी मिलती रहेगी। वहीं, पानी चोरी बारे स्काडा से जानकारी मिल सकेगी। इसके कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारियों को पानी की लाइन में फाल्ट आने या लीकेज होने या फिर लाइन टूटने का पता चलेगा। वहीं पर बैठे कर्मचारी को पानी चोरी करने वालों का भी पता लगेगा। लाइन में कोई भी फाल्ट आने पर कंट्रोल रूम से मैसेज एरिया एसडीओ और जेई के मोबाइल पर फ्लैश होगा। इसके बाद लाइनें ठीक होंगी। जबकि ई-गवर्नेस सिस्टम के प्रोजेक्ट की भी तारीख 22 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। अंडरग्राउंड सर्विसेज की मैपिग के लिए पांच कंपनियों ने की बिड
शहर में पहली बार अंडरग्राउंड सर्विसेज की मैपिग होने जा रही है। इस काम के लिए सोमवार को पांच कंपनियों की बिड खोली गई है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट पर भी जल्द काम शुरू हो जाएगा। अभी तक न तो प्रशासन और न ही नगर निगम को इसकी जानकारी है कि अंडरग्राउंड में कौन सी पाइप और तार कहां से निकल रहे हैं। ऐसे में कोई नया काम शुरू होने पर कई बार गलत जगह पर भी खुदाई कर दी जाती है। मैपिग करने का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के तहत पहली बार तैयार हुआ है। इस प्रोजेक्ट पर साढ़े नौ करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत अंडरग्राउंड केबल, बिजली के तार, पानी और सीवरेज की पाइपों की मैपिग होगी।अधिकारियों के अनुसार मैपिग होने के बाद जब भी शहर में कोई भी प्रोजेक्ट नया निर्मित होगा तो उस समय पता चल जाएगा कि उस प्रोजेक्ट के नीचे कौन-कौन सी सर्विस निकल रही हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट के निर्माण में काफी आसानी होगी। चार सरकारी स्कूलों के 90 क्लास रूम को स्मार्ट बनाने के टेंडर की तारीख बढ़ाई
शहर के चार सरकारी स्कूलों के 90 क्लास रूम को स्मार्ट बनाने के टेंडर की तारीख 22 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। सेक्टर-22 के सीनियर सेकेंडरी, सेक्टर-35 के सीनियर सेकेंडरी, हाई स्कूल और सेक्टर-43 के हाई स्कूल के 90 क्लास रूम स्मार्ट किए जाएंगे। जिस पर साढ़े चार करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इसके तहत हर क्लास रूम में डिजिटल प्रोजेक्टर, थ्रीडी बोर्ड और कंप्यूटर लगाया जाएगा। प्रशासन के अनुसार पहली से लेकर 12वीं तक के सभी बच्चों के क्लास रूम में यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाएंगी। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार इन स्मार्ट क्लासरूम में जो बोर्ड लगें होंगे, उनमें एनसीआइटी का सिलेबस पहले से डाउनलोड होगा। बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर्स को इसके लिए अलग से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा हायर की गई कंपनी ने दिल्ली में चल रहे स्मार्ट स्कूलों को स्टडी किया है। यह बात सामने आई है कि वहां पर जब से स्मार्ट क्लास रूम बने हैं तब से बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन और परिणाम लाकर दिए हैं। साइकिल शेयरिग सिस्टम के लिए एक कंपनी ने दी बिड
शहर में साइकिल शेयरिग सिस्टम शुरू करने के लिए एक कंपनी की बिड आई है। सीईओ के पास पावर है कि वह इस स्थिति में आवेदन की गई कंपनी को टेंडर अलॉट कर सकता है। इस प्रोजेक्ट के तहत 5 हजार साइकिलें शहर में चलेंगी। 617 डॉकिग स्टेशन बनाए जाएंगे। जहां पर लोगों को साइकिल चलाने को मिलेगी। यह प्रोजेक्ट 20 करोड़ की लागत का है। साइकिल शेयरिग सिस्टम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर चलाई जाएगी। जिसमें नॉमिनल चार्ज पर लोगों को साइकिलें चलाने को मिलेगी। हर डॉकिग स्टेशन पर 8 से 9 साइकिल रखी जाएंगी। कंपनी को विज्ञापन करने की मंजूरी भी दी जाएगी। शहर में मरे हुए पशुओं के संस्कार के टेंडर के लिए बिड आई
डड्डूमाजरा में मरे हुए पशुओं के संस्कार के लगने वाले प्लांट के लिए ज्यादा कंपनियों ने रूचि नहीं दिखाई है। सिर्फ एक ही कंपनी ने बिड दी है। इस प्लांट के लगने के बाद शहर में मरने वाले पशुओं को इधर-उधर नहीं फेंका जाएगा। चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 5 करोड़ की लागत से पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर टेंडर निकाला गया था।