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छेड़छाड़ मामले में विकास बराला के खिलाफ कोर्ट में सप्लीमेंट्री चालान पेश, गवाह ने दिया यह बयान

अदालत में पेश हुए गवाह बलजीत ने कहा कि घटना के दौरान जो पुलिस कंट्रोल रूम में फोन पर सूचना मिली थी वह सिस्टम मेंं रिकॉर्ड हो जाती है।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 09:56 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 08:52 PM (IST)
छेड़छाड़ मामले में विकास बराला के खिलाफ कोर्ट में सप्लीमेंट्री चालान पेश, गवाह ने दिया यह बयान
छेड़छाड़ मामले में विकास बराला के खिलाफ कोर्ट में सप्लीमेंट्री चालान पेश, गवाह ने दिया यह बयान

जेएनएन, चंडीगढ़। जिला अदालत में हाईप्रोफाइल केस वर्णिका कुंडू और विकास बराला मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में मामले में पुलिस द्वारा बनाए गए एक गवाह की गवाही भी हुई। गवाह की पहचान पुलिस कंट्रोल रूम में वारदात के समय वायरलेस सुपरवाइजर बलजीत के रूप में हुई है। वहीं पुलिस ने अदालत में मामले में सप्लीमेंट्री चालान पेश किया। पुलिस ने यह चालान आइपीसी की धारा-354डी (छेड़छाड़), 341 (पीछा करना) 365, 511 (किडनैपिंग की कोशिश) 34 और मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत पेश किया है। अब मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।

अदालत में पेश हुए गवाह बलजीत ने कहा कि घटना के दौरान जो पुलिस कंट्रोल रूम में फोन पर सूचना मिली थी वह सिस्टम मेंं रिकॉर्ड हो जाती है। यह रिकॉर्डिंग उसने मामले के जांच अधिकारी को सीडी में डलवाकर दे दी थी। वहीं पुलिस ने जो चालान पेश किया, उसके साथ पुलिस ने सीएफएसल रिपोर्ट, जीपीआरएस रिपोर्ट भी लगाई है। सीएफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपित विकास बराला और आशीष के ब्लड और यूरीन सैंपल में कॉमन पॉयजन डिटेक्ट नहीं हुआ है।

इसके अलावा पहले की जीपीआरएस जांच में सामने आया था कि वारदात के समय पीडि़ता पंजाब के फतेहपुर में थी। इस बात को आधार बनाते हुए विकास के वकील ने कोर्ट के सामने कहा था कि वारदात के समय तो पीडि़ता पंचकूला और चंडीगढ़ में मौजूद ही नहीं थी। इस बात पर पीडि़ता पक्ष ने टॉवर लोकेशन चेक करने के लिए अपील की थी। इस बार चालान में जीपीआरएस रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि पहले जो अगस्त, 2017 में रिपोर्ट आई थी उसमें कुछ ह्यूमन एरर की वजह पीडि़ता की लोकेशन को फतेहपुर दिखा रहा था। जबकि पीडि़ता की सही लोकेशन चंडीगढ़ के सेक्टर-4 स्थित एमसी वाटर वर्कस बिल्डिंग के पास मिली। इसके अलावा पुलिस चालान में 14 फरवरी, 2019 को एक गवाह अनुभव गौंरग की गवाही को भी शामिल किया गया। अपनी गवाही में उसने उस वक्त बताया कि दोनों आरोपित गंदे मकसद से पीडि़ता का पीछा कर रहे थे और उसका अपहरण भी कर सकते थे।

4 अगस्त 2017 की रात 12 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में हरियाणा के एक आईएएस की बेटी वर्णिका कुंडू ने कॉल कर सूचना दी थी कि कार सवार दो युवक सेक्टर-7 से उसकी गाड़ी का पीछा कर रहे हैं। वर्णिका के बताए अनुसार मौके से कुछ दूरी पर हाउसिंग बोर्ड चौंक पर थाना पुलिस और पीसीआर ने दोनों आरोपित युवकों को गिरफ्तार कर लिया। वारदात के समय वर्णिका अकेली कार ड्राइव कर रही थी, जबकि दोनों युवकों की गाड़ी को आरोपित आशीष ड्राइव कर रहा था।

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तीन बार गाड़ी को ओवरटेक कर रोकने की कोशिश की थी

आरोपितों ने तीन बार वर्णिका की गाड़ी ओवरटेक करके रोकने की कोशिश की थी। पुलिस ने कॉल के बाद दोनों को हाउसिंग बोर्ड चौक के लाइट प्वाइंट से गिरफ्तार कर लिया था। शुरुआत में केस में आईपीसी की धारा 354डी (छेड़छाड़), 341 (पीछा करना) व 185 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जमानती धारा के तहत केस दर्ज कर किया था। साथ ही दोनों को थाने से ही जमानत दे दी थी। लेकिन, बाद में चौतरफा पुलिस की किरकिरी के बाद पुलिस ने केस में विकास बराला और आशीष कुमार के खिलाफ धारा 365, 511 (किडनैपिंग की कोशिश) की धारा जोड़ी और दोनों को जांच के लिए बुलाकर गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन इसके बाद दोनों को फिर से जमानत मिल गई थी।

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