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Jagran Impact : बिना फैकल्टी वाले कॉलेजों पर PU का शिकंजा, नए कोर्स को नहीं मिलेगी मंजूरी

पंजाब यूनिवर्सिटी एफिलिएटेड कॉलेजों में अब बिना फैकल्टी और अन्य जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर के कोई नया कोर्स शुरु नहीं होगा और न ही मौजूदा कोर्स में भी दाखिले को मंजूरी मिलेगी।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 11:41 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 11:41 AM (IST)
Jagran Impact : बिना फैकल्टी वाले कॉलेजों पर PU का शिकंजा, नए कोर्स को नहीं मिलेगी मंजूरी
Jagran Impact : बिना फैकल्टी वाले कॉलेजों पर PU का शिकंजा, नए कोर्स को नहीं मिलेगी मंजूरी

जेएनएम, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी एफिलिएटेड कॉलेजों में अब बिना फैकल्टी और अन्य जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर के कोई नया कोर्स शुरु नहीं होगा और न ही मौजूदा कोर्स में भी दाखिले को मंजूरी मिलेगी। पंजाब यूनिनवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में कड़ा फैसला लेते हुए ऐसे कॉलेजों में नए सत्र से स्टूडेंट्स के दाखिले पर रोक लगाने का फैसला लिया है।

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पीयू कॉलेजों की एफिलिएशन मामलों को लेकर गठित कमेटी ने साफ कर दिया है, कि जब तक प्राइवेट या सरकारी कॉलेजों द्वारा जरुरी फैकल्टी और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरा नहीं किया जाता, तब तक एडिशनल यूनिट शुरु करने या मौजूदा कोर्स में स्टूडेंट्स के दाखिले पर रोक जारी रहेगी। इस मामले को लेकर सोमवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में एफिलिएशन कमेटी की आपात बैठक भी बुलाई गई। गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने सोमवार को पीयू ने दाखिले से एक दिन पहले कॉलेजों में एडिमशन पर लगाई रोक .शीर्षक से खबर भी प्रकाशित की थी।

पीयू सीनेटर अशोक गोयल की अध्यक्ष में गठित इस कमेटी की सोमवार को पीयू में करीब 10 घंटे तक मैराथन मीटिंग हुई। जिसमें प्रो.नवदीप गोयल, पूटा प्रेसिडेंट राजेश गिल,डीन कॉलेज डेवलेपमेंट काउंसिल(डीसीडीसी) सहित अन्य कई सीनियर सीनेटर भी शामिल थे। गौरतलब है कि पीयू प्रशासन ने रविवार को भी शहर के चार कॉलेजों को लेटर लिखकर सोमवार से होने वाले एडमिशन पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे। पीयू प्रशासन के इस फैसले के बाद कॉलेज प्रबंधन और पीयू प्रशासन के बीच काफी विवाद बढ़ गया।

पीयू प्रशासन द्वारा कॉलेजों को सभी फॉर्मेलिटी पूरी किए बिना दाखिला देने पर रोक से काफी स्टूडेंट्स को दाखिला नहीं मिल पाएगा। दैनिक जागरण द्वारा सोमवार के अंक में रविवार को पीयू प्रशासन द्वारा सोमवार को होने वाले एडिमशन पर रोक संबंधी खबर के बाद पीयू प्रशासन भी हरकत में आया। मामले को लेकर तुरंत मीटिंग बुलाई गई, जिसमें इस बात पर विचार हुआ कि कॉलेजों की गलती का स्टूडेंट्स को खामयाजा नहीं भुगतना पड़े। चंडीगढ़ के दो सरकारी और दो प्राइवेट कॉलेजों में बीकॉम,बीबीए,बीसीए कोर्स में दाखिले की रोक से मेरिट लिस्ट में शामिल कई स्टूडेंट्स दाखिले से वंचित रह जाएंगे। कमेटी ने सभी कॉलेजों को जल्द से जल्द जरुरी फैकल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा करने के लिए फिर से नोटिस जारी करने का फैसला लिया है। इस हफ्ते तक चंडीगढ़ के कॉलेजों में एडमिशन का मामला सुलझाने की कोशिश की जा रही है।

पंजाब के 40 कॉलेजों को नोटिस की तैयारी

सोमवार को पंजाब यूनिवर्सिटी की कॉलेजों से जुड़ी एफिलिएशन कमेटी की बैठक हुई। सुबह 11 से रात 9 बजे तक चली बैठक में पंजाब के करीब 40 कॉलेजों द्वारा इंस्पेक्शन कमेटी द्वारा नियमों को पूरी नहीं किए जाने को लेकर चर्चा हुई। कमेटी द्वारा इन कॉलेजों को भी जल्द नोटिस भेजकर नए कोर्स में दाखिला नहीं करने के निर्देश एक दो दिन में जारी कर दिए जाएंगे। जानकारी अनुसार कई कॉलेजों में तो सालों से रेगुलर फैकल्टी तो दूर कांट्रेक्ट फैकल्टी भी नहीं है। शिक्षकों को देना होगा यूजीसी द्वारा तय वेतनपीयू प्रशासन एफिलिएशन कमेटी ने कड़ा फैसला लेते हुए कांट्रेक्ट और गेस्ट फैकल्टी के रूप में काम करने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर को यूजीसी नियमों के तहत ही वेतन देने के लिए कॉलेजों को लिखा है। सूत्रों के अनुसार पंजाब के कई कॉलेजों में यूजीसी नेट और पीएचडी शिक्षकों तक को 8 से 10 हजार वेतन दिया जा रहा है। यह मुद्दा भी कई बार सीनेट में उठ चुका है। जल्द ही पीयू सभी कॉलेजों को कांट्रेक्ट और गेस्ट फैकल्टी के वेतन को निर्धारित करेगी।

पीयू एफिलिएटेड काफी कॉलेजों में सालों से जरुरी फैकल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना काम चलाया जा रहा है। लेकिन अब पीयू इस मामले में सख्ती बरतेगा। सोमवार को भी इस मामले को लेकर कमेटी की मीटिंग हुई है। जो कॉलेज नियमों को पूरा करेंगे उन्हीं को दाखिले की मंजूरी दी जाएगी। - प्रोफेसर राजेश गिल, पूटा प्रेसिडेंट, एफिलिएशन कमेटी।

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