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तंग गलियों से मच्छरों को भगाएगी मोटोफॉग, मलेरिया से बचाव के लिए तैयार की नई योजना

जिन गलियों में उनकी बड़ी फॉगिंग मशीन नहीं जा पाती है वहां मच्छरों पर काबू के लिए मोटोफॉग चलाने की तैयारी की जा रही है।

By Sat PaulEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 10:32 AM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 05:23 PM (IST)
तंग गलियों से मच्छरों को भगाएगी मोटोफॉग, मलेरिया से बचाव के लिए तैयार की नई योजना
तंग गलियों से मच्छरों को भगाएगी मोटोफॉग, मलेरिया से बचाव के लिए तैयार की नई योजना

चंडीगढ़, [वीणा तिवारी]। तंग गलियों में मच्छरों से बचाव के लिए मलेरिया विभाग ने नई योजना बनाई है। इसके तहत जिन गलियों में उनकी बड़ी फॉगिंग मशीन नहीं जा पाती है, वहां मच्छरों पर काबू के लिए मोटोफॉग चलाने की तैयारी की जा रही है। डिपार्टमेंट ने इसके लिए दो बाइक खरीदने की प्लानिंग की है। लोकसभा चुनाव के बाद यह योजना पूर्णरूप ले लेगी।

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चंडीगढ़ में मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू मच्छरों का डंक कम करने के लिए मलेरिया विभाग ने फॉगिंग और स्प्रे शुरू करवा दिया है। लेकिन विभाग का मानना है कि तंग गलियों में अब भी उनकी ओर से बचाव और राहत कार्य करने में परेशानी हो रही है। इसका मुख्य कारण उनकी बड़ी फॉगिंग मशीन है। बड़ी मशीनें तंग गलियों में नहीं जा पाती, जिससे वहां व्यापक स्तर पर फॉगिंग नहीं हो पाती। इससे निजात के लिए विभाग ने मोटोफॉग बाइक से उन इलाकों में फॉगिंग कराने की तैयारी की है। इस बाइक की मदद से बहुत कम समय में ज्यादा एरिया को कवर किया जा सकेगा।

इन इलाकों में होगा बचाव

तंग गलियों के साथ ही मच्छरजनित बीमारियों से प्रभावित इलाकों में बुड़ैल, मनीमाजरा और मौलीजागरां टॉप थ्री में शामिल हैं। इन इलाकों की तंग गलियां बीमारी से घेरे हुए हैं। इसलिए यहां मोटोफॉग की मदद ली जाएगी। डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार चंडीगढ़ में 2017 में मलेरिया के 114 और 2018 में 44 मामले आए थे। डिपार्टमेंट 44 को शून्य तक लाने की कोशिश में जुट चुका है।

मोटोफॉग ऐसे करेगी काम

इसके लिए बाइक को ऐसी मशीनों से लेस किया जाता है, जिससे फॉगिंग कराया जा सके। इसके लिए बाइक पर एक कंटेनर फिट किया जाता है जिसमें कीटनाशक रखा जाता है। उसके साथ ही एक साइड बैग फिक्स रहता है। फॉगिंग के दौरान कीटनाशक की मात्रा और फ्लो को नियंत्रित करने के लिए कंट्रोल पैनल लगाया जाता है। फॉगिंग के लिए नीचे एक एग्जास्ट फिट किया जाता है। प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही एग्जास्ट के जरिये फॉगिंग होती जाती है। मोटोफॉग का प्रयोग मच्छरों से बचाव के साथ ही कृषि के क्षेत्र में कीट से बचाव के लिए भी किया जाता है।

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