बढ़े मौसमी बीमारियों के मरीज, सेक्टर-16 अस्पताल की इमरजेंसी में सभी बेड फुल
डॉक्टरों का कहना है कि तापमान में अचानक हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण ऐसी परेशानी बढ़ रही है। खान-पान और रहन-सहन में सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मौसम में हो रहे बदलाव के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या अचानक तेजी से बढ़ी है। ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या डेढ़ गुनी हो गई है। सेक्टर-16 के गवर्नमेंट मल्टी सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की इमरजेंसी के बेड सीजनल बीमारियों वाले मरीजों से फुल हो गए हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बढ़ती धूप और गर्मी को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी, ओपीडी और इनडोर की व्यवस्था चौकस कर दी गई है। अगर जरूरत पड़ी तो वार्ड में बेड भी बढ़ा दिए जाएंगे।
इन मर्जों के मरीज ज्यादा
गर्मी और धूप के कारण इन दिनों वायरल बुखार, पेट दर्द, डायरिया, वामेटिंग, सर्दी-जुकाम, सिरदर्द, बदन दर्द के मरीज ज्यादा आ रह हैं। डॉक्टरों का कहना है कि तापमान में अचानक हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण ऐसी परेशानी बढ़ रही है। खान-पान और रहन-सहन में सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है। सेक्टर 16 के अस्पताल में एक दिन में भर्ती होने वाले 70 से 80 मरीजों में 20 से 25 मरीज मौसमी बीमारियों वाले हैं। मार्च तक रोजाना
इनडोर मरीजों की संख्या 40 से 50 थी।
बच्चे ज्यादा प्रभावित
सीजनल बीमारियों की चपेट में आने वालों में बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। चाइल्ड स्पेशलिस्टों का कहना है कि बच्चों में इम्यूनिटी पावर कम होने के कारण वे मौसम में बदलाव के दौरान तेजी से प्रभावित होते हैं। ऐसे
में जरूरी है कि पेरेंट्स उनपर विशेष ध्यान दें। उन्हें हेल्दी फूड दे, फास्ट और जंक फूड की जिद करने पर घर ही कुछ स्पेशल बनाकर दें। बच्चों में डायरिया या डिहाइड्रेशन की स्थिति में घरेलू उपाय अपनाने की बजाय तत्काल
डाॅक्टर को दिखाये।
रहना है सेहतमंद तो इनका रखें ध्यान
- बाहर निकलते समय भरपूर पानी पीयें
- सिर ढ़ककर बाहर जाएं
- 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर ज्यादा देर तक बाहर रहने से बचें
- ज्यादा तला-भुना भोजन न करें
- नारियल पानी, जूस, दाल का पानी ज्यादा मात्रा में लें
- खुले में बिकने वाले फूड आइटम न खायें
- धूप से आकर एसी के सामने न बैठें
- पानी उबालकर ठंडा करके पीयें