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श्री आनंदपुर साहिब से नैना देवी तीर्थ राेपवे से जुडेगा, प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी

देश के प्रमुख धार्मिक स्‍थलश्री आनंदपुर साहिब और श्री नैना देवी तीर्थ रोपवे से जुड़ेंगे। इससे दोनों तीर्थों तक पहुंचना आसान होगा और यात्रा रोमांचक होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 10:01 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 10:01 AM (IST)
श्री आनंदपुर साहिब से नैना देवी तीर्थ राेपवे से जुडेगा, प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी

जेएनएन, चंडीगढ़। देश के तीर्थयात्रियों के लिए बहुत अच्‍छी खबर है। देश के प्रमुख धार्मिक स्‍थल पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब और हिमाचल प्रदेश में स्थित श्री नैना देवी तीर्थ रोपवे से जुड़ेंगे। इससे दोनों तीर्थों तक पहुंचना आसान होगा और यात्रा रोमांचक भी होगी। पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक व निजी हिस्सेदारी से बनने वाले श्री आनंदपुर साहिब-नैना देवी रोपवे प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। इस प्रोजेक्ट को तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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पंजाब में स्थित श्री आनंदपुर साहिब और हिमाचल प्रदेश में स्थित नैना देवी प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से लाखों श्रद्धालु को बिना किसी दिक्कत के धार्मिक स्थानों के दर्शन करेंगे। श्री आनंदपुर साहिब से नैना देवी तीर्थ स्थल की दूरी ज़्यादा है और पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण चढ़ाई भी है।

श्री अानंदपुर साहिब।

उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई 2012 को पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों के बीच रोपवे संबंधी एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ था। पंजाब सरकार के पर्यटन विभाग की तरफ से पंजाब वाले क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाले टर्मिनल और राईट ऑफ वे के लिए 108 कनाल 13 मरले जमीन भी एक्वायर कर ली गई थी।

बाद में हिमाचल प्रदेश सरकार ने 3 जून 2014 को इसको रद कर दिया गया था। इसी साल फरवरी में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरफ से इस प्रोजेक्ट को फिर शुरू करने के लिए पंजाब को पत्र लिखा गया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर अपनी सहमति जताई। बीती 5 सितंबर को पंजाब के पर्यटन विभाग ने हिमाचल प्रदेश सरकार से एमओयू प्राप्त कर लिया है।

माता नैना देवी मंदिर।

दोनों राज्य 50-50 लाख देंगे

यह प्रोजैक्ट सार्वजनिक-निजी हिस्सेदारी के तहत स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) स्थापित करके चलाया जाएगा। इस एसपीवी पर आने वाली एक करोड़ रुपये की लागत में पंजाब और हिमाचल प्रदेश 50-50 लाख रुपये देंगे।

आय में बराबर की हिस्सेदारी

एमओयू के मुताबिक पंजाब और हिमाचल प्रदेश सरकारों की आय में बराबर की हिस्सेदारी होगी। इसका रियायती समय 40 साल का होगा। पहले 7 सालों में रियायत के तौर पर फीस की अदायगी नहीं की जाएगी।


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