शर्तो के साथ 178 एनएचएम कर्मियों को दोबारा मिली नौकरी
अक्तूबर में नौकरी से निकाले गए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के 178 कांट्रेक्चुअल कर्मचारियों की वापसी हो गई है। यूटी प्रशासन ने इन कर्मचारियों को दोबारा से नौकरी पर रखने के आदेश जारी कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
अक्तूबर में नौकरी से निकाले गए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के 178 कांट्रेक्चुअल कर्मचारियों की वापसी हो गई है। यूटी प्रशासन ने इन कर्मचारियों को दोबारा से नौकरी पर रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। कुछ शर्तों के बाद इन्हें दोबारा ज्वाइन कराया जाएगा। एडवाइजर धर्म पाल की अध्यक्षता में हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों से हुई मीटिग में यह निर्णय लिया गया। एडवाइजर ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को सेलरी एंड सर्विस कंडीशन का चयन करना होगा। यह एनएचएम या फिर आउटसोर्स डीसी रेट के हिसाब से होंगी। सर्विस कंडीशन एनएचएम के हिसाब से और पे डीसी रेट के तहत मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता। स्टाफ द्वारा अचानक से हड़ताल पर चले जाना सीधे तौर पर गैर जिम्मेदाराना है अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्टाफ के प्रतिनिधिमंडल ने भरोसा दिया है कि भविष्य में कभी ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नौकरी से निकालने के आदेश वापस ले लिए गए हैं अब वह तुरंत अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर लें। उनकी कांट्रेक्चुअल इंप्लायमेंट बिना ब्रेक के ही मानी जाएगी जितने दिन वह गैरहाजिर रहे उसको लीव विदाउट पे के तहत मंजूर किया जाएगा। वह एनएचएम के कांट्रेक्चुअल इंप्लाइज के तौर पर ही काम करें डीसी रेट के तहत आउटसोर्सड इंप्लाइ का विकल्प न भरें। स्टाफ को लिखित में गलती स्वीकार करनी होगी और भविष्य में ऐसा नहीं करने की बात लिखनी होगी। सेलरी डीसी रेट के बराबर नहीं हो सकती उनके वर्किंग ऑवर्स कम होते हैं। बता दें कि डेंगू के मामले बहुत ज्यादा बढ़ने के बावजूद हड़ताल पर चले जाने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने इन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। उसके बाद से यह हड़ताल जारी रख रहे थे। भाजपा नेताओं से भी लगातार संपर्क में रहे।