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गारबेज कलेक्शन की नई फीस नहीं देगी फासवेक

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन (फॉसवेक) की मीटिंग रविवार को चेयरमैन ब

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Dec 2017 07:28 PM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 11:02 AM (IST)
गारबेज कलेक्शन की नई फीस नहीं देगी फासवेक
गारबेज कलेक्शन की नई फीस नहीं देगी फासवेक

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन (फॉसवेक) की मीटिंग रविवार को चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू की अध्यक्षता में हुई। बैठक में नगर निगम द्वारा डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन की फीस बढ़ाने का विरोध किया गया और फैसला लिया गया कि वे ये बढ़ी हुई फीस नहीं देंगे। बिट्टू ने कहा कि निगम ने गारबेज कलेक्शन की फीस तो बढ़ा दी है, जबकि निगम का इन पर कोई कंट्रोल नहीं है। ये अपनी मनमानी करते हैं और कई-कई दिन कूड़ा उठाने नहीं आते हैं। अगर निगम इनके फीस बढ़ाना चाहता है तो पहले इन्हें अपने अंडर लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन का पुराना सिस्टम ठीक था, क्योंकि वे इसकी कम फीस अदा करते थे, जोकि अब अचानक बढ़ा दी गई है। अगर निगम चाहता है कि शहरवासी हर माह बढ़ी हुई फीस अदा करें तो इन पर अपना कंट्रोल रखे या फिर इसके लिए कोई एजेंसी हायर की जानी चाहिए। इस मौके पर वाइस चेयरमैन हितेश पूरी ने कहा कि वे इससे पहले 50 से 60 मरला हाउसेज और 55 से 100 एक कनाल के घरों के लिए डोर टू डोर गारबेज कलेक्शनों को फीस चुका रहे थे, जोकि अब बढ़ाकर एक कनाल से नीचे के लिए 100 रुपये और 1 कनाल और ऊपर के मकानों के लिए 250 रुपये तय कर दी है। वे इसका विरोध करते हैं, क्योंकि मोहाली में भी इससे कम फीस है। इस दौरान पदाधिकारियों ने ड्राफ्ट पार्किंग पॉलिसी में दूसरी कार की खरीद पर कीमत का 50 प्रतिशत रोड टैक्स लगाने का भी विरोध किया। अगर कोई 10 लाख गाड़ी खरीदता है तो उसको 5 लाख रुपये रोड टैक्स चुकाना होगा, जोकि बहुत ज्यादा है। इसकी जगह ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने या मेट्रो प्रोजेक्ट लाने के लिए प्रयास करना चाहिए। इसके बाद ही शहर में गाड़ियों की संख्या कम और ट्रैफिक समस्या पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकेगा।

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डंपिंग ग्राउंड की समस्या से पूरा शहर परेशान

बिट्टू ने कहा कि डंपिंग ग्राउंड की समस्या से स्थानीय लोग के साथ-साथ पूरा शहर परेशान है। उन्होंने कहा कि डंपिंग ग्राउंड और प्लांट से जो बदबू उठती है, वे पूरे शहर में फैल जाती है, जोकि लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस कारण स्थानीय लोग बीमारियों की चपेट में है, जिसके खिलाफ वे इन्वायरमेंट एंड पॉल्यूशन डिपार्टमेंट को शिकायत देंगे।

मकानों को नोटिस भेजने किए जाएं बंद

कन्वीनर रजत मलहोत्रा ने कहा कि चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा सभी मकानों में जरूरत मुताबिक बदलाव को नियमित किया जाना चाहिए और इन्हें नोटिस भेजने बंद किए जाने चाहिए। राजनीतिक पार्टियां भी सिर्फ चुनाव के समय ही लोगों को राहत दिलाते हैं, जबकि वैसे उनकी ऐसी समस्याओं से पल्ला झाड़ लेती हैं।


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