Move to Jagran APP

एसआइटी ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी केस स्टेटस रिपोर्ट

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : एचसीएस ज्यूडिशियल पेपर लीक मामले में यूटी पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Dec 2017 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 11:02 AM (IST)
एसआइटी ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी केस स्टेटस रिपोर्ट

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : एचसीएस ज्यूडिशियल पेपर लीक मामले में यूटी पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने केस स्टेटस रिपोर्ट शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में सौंप दी। मामला पहले हाईकोर्ट में आने के बाद यूटी पुलिस को एसआइटी बनाकर जांच के आदेश दिए गए थे। बाद में हाईकोर्ट ने केस स्टेटस रिपोर्ट भी सौंपने के आदेश दिए थे। हालांकि, मामला सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। गौरतलब है कि इस मामले में एसआइटी ने तीन को आरोपी बनाया था। जिसमें टॉपर रही सुनीता की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार टीम ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में पूरी जांच शामिल की है। इसके अलावा सुनीता से रिमांड में मिले सुबूत भी अटैच किए हैं। वहीं, रिपोर्ट में दोनों अन्य आरोपियों के बारे में जांच को लेकर भी प्वाइंट्स दर्शाए हैं।

loksabha election banner

9 नवंबर को दिल्ली से काबू की गई थी सुनीता

इससे पहले एसआइटी ने जांच के बाद टॉपर सुनीता को दिल्ली से 9 नवंबर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सुनीता सवालों के जवाब देने से बचती रही थी। महिला ने दोनों अन्य आरोपियों के बारे में भी कुछ प्वाइंट्स एसआइटी को बताए थे।

शर्मा और सुनीता के बीच पिछले एक साल में 760 बार हुई बात

रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) बलविंदर शर्मा को निलंबित करने की सिफारिश पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दे दिया था। उन्हें रोपड़ हेडक्वार्टर भेज दिया गया था। जाच कमेटी ने भी इस मामले में शर्मा को प्रारंभिक जांच में दोषी पाया। जाच में खुलासा हुआ था कि डॉ. बलविंदर शर्मा और आरोपी सुनीता के बीच पिछले एक वर्ष में 760 बार फोन पर बात हुई और दोनों ने एक-दूसरे को एसएमएस भी किए थे। जबकि शर्मा ने जाच कमेटी में दर्ज करवाए बयानों में सुनीता से बातचीत से इन्कार किया था।

ऑडियो क्लिप से खुला था राज

पंचकूला के पिंजौर की सुमन ने एडवोकेट मंजीत सिंह के जरिए याचिका दायर कर कहा था कि हरियाणा ने एचसीएस ज्यूडिशियल के 109 पदों के लिए आवेदन मागे थे, जिसके लिए याची ने भी अप्लाई किया था। परीक्षा की तैयारी के लिए एक कोचिंग सेंटर भी ज्वाइन किया था। इस दौरान उसकी दोस्ती एक लड़की सुशीला से हो गई, जिसने गलती से याची को एक ऐसी ऑडियो क्लिप भेज दी, जिसमें वह अन्य लड़की से डेढ़ करोड़ में नियुक्ति की बात कर रही थी। जब याची ने सुशीला से पूछा तो सुशीला ने वो ऑडियो क्लिप डिलीट कर दी। जब जोर देकर पूछा गया तो पेपर लीक होने की बात का पता चला। याची ने कहा कि उसे विश्वास नहीं हुआ। सुशीला ने याचिकाकर्ता को 6 सवाल भी बताए, जो परीक्षा में आने थे। जब 16 जुलाई को परीक्षा हुई तो याचिकाकर्ता को यह जानकर आश्चर्य हुआ ये सवाल परीक्षा में भी आए थे।

तीन लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया था केस

याचिकाकर्ता ने अपने पति को इसकी जानकारी दी थी और शिकायत पुलिस और हाईकोर्ट को एडमिनिस्ट्रेटिव साइट पर दी। हाईकोर्ट के आदेश पर यूटी पुलिस की एक एसआइटी तैयार की गई थी। जिसमें एसपी रवि कुमार, डीएसपी कृष्ण कुमार व इंस्पेक्टर पूनम दिलावरी सदस्य बनी। रजिस्ट्रार बलविंदर कुमार शर्मा, सुनीता निवासी नजफगढ़, और सेक्टर-5 पंचकूला निवासी सुशीला के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.