150 किस्मों की चाय बेच रहीं अनामिका, बचपन से ही इस पेय को बनाया अपनी दुनिया
अनामिका ने दार्जिलिंग में रहते हुए चाय पर ही काफी खोज की। इसके बनाने के तरीके और नए प्रयोगों पर ध्यान दिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। एक-दो नहीं पूरी डेढ़ सौ। ये चाय की किस्में हैं, जो अनामिका सिंह परोसती हैं। इनकी कंपनी आनंदनी देश के विभिन्न कोनों में अपनी ब्लैंड चाय पत्ती को बेचती हैं। शुक्रवार को गोल्फ क्लब रेंज में आयोजित द ट्रेवलिंग किचन विंटर गार्डन में पहुंचीं अनामिका ने कहा कि उनके पिता दार्जिलिंग में चाय के व्यवसाय से ही जुड़े हैं। ऐसे में उन्होंने बचपन में ही चाय को अपनी दुनिया बना लिया था। दार्जिलिंग में रहते हुए उन्होंने चाय पर ही काफी खोज की। इसके बनाने के तरीके और नए प्रयोगों पर ध्यान दिया।इसके बाद दार्जिलिंग से धर्मशाला में भी अपनी कंपनी खोली, जहां ये चाय पत्ती को एक्सपोर्ट भी करती हैं।
पेरिस में एक्सपोर्ट करते हैं नीडल टी
अनामिका ने कहा कि उनके पास कई तरह की किस्में हैं। इसमें नीडल टी खास है। नीडल टी के लिए आपको हाथ से ही ताजी उगी पत्तियों से चाय पत्ती बनानी होती है। ये बहुत ही कम उगती है और बहुत ही कम बनती है। इसका सारा प्रोसेस हाथ से ही होता है। ऐसे में इसे हम बहुत कम बना पाते हैं और ये पेरिस के एक सबसे पुराने टी हाउस में एक्सपोर्ट की जाती है।
पाइन वुड स्मोक टी, जिसके धुएं में भी फ्लेवर है
अनामिका ने कहा कि वह एक खास तरह की टी बनाते हैं, जिसे पाइन वुड स्मोक टी नाम दिया गया है। इस टी को बनाने के लिए पाइन वुड का इस्तेमाल होता है। जिसमें स्मोक में भी फ्लेवर होता है। इस चाय की डिमांड हमारे पास सबसे ज्यादा आती है। इसके अलावा ओरेंज पीको और इसी तरह की अन्य फ्लेवर युक्त चाय को भी देशभर में बहुत पसंद किया जाता है।
दूध के बिना चाय बुरी नहीं है
अनामिका ने कहा कि भारत में अभी तक लोग दूध से बनी चाय पीते हैं। सेहत के लिए इसे ज्यादा अच्छा नहीं कहा जाता। अगर आप देश के विभिन्न कोनों में जाएं, तो वहां दूध के बिना ही चाय बनाई जाती है। इसमें बिहार, नागालैंड और विभिन्न राज्य हैं। ऐसे में हम चाय को सेहतमंद बनाने की कोशिश करते हैं। इसमें जुड़ी बूटियां भी मिलाते हैं। ताकि ये सेहत के लिए भी बेहतर रहे।