पंजाब में 14 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को नए चेहरों की तलाश
पंजाब कांग्रेस को लगभग 14 विधानसभा क्षेत्रों में नए चेहरों की तलाश है। ये वे क्षेत्र हैं जहां के विधायक या तो कांग्रेस छोड़ चुके या फिर राजनीति।
चंडीगढ़ (कैलाशनाथ) । 2017 के विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस टिकट बंटवारे में खासी एहतियात बरत रही हो, लेकिन 14 ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां कांग्रेस को नए चेहरे उतारने पड़ेंगे। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि यह ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां या तो कांग्रेस के उम्मीदवार दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए हैं या फिर कुछ का देहांत हो चुका है।
कांग्रेस के आधा दर्जन के करीब प्रत्याशी आम आदमी पार्टी या अकाली दल में शामिल हो चुके हैं। दो ऐसे प्रत्याशी हैं, जिनका देहांत हो चुका है। कांग्रेस की ओर से 24 जून से जिलों में चलाए जाने वाले संपर्क अभियान के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची पर नजर डालें, तो 14 सीटों पर कांग्रेस के पास अभी उम्मीदवार नहीं हैं।
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इन सीटों पर है चुनौती
भुलत्थ के सुखपाल खैहरा, शाहकोट से कर्नल सीडी कंबोज, सुनाम से अमन अरोड़ा के प्रत्याशी जहां आप में शामिल हो चुके हैं, तो तलवंडी साबो से जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू और मोगा से जोगिंदर जैन अकाली दल के पाले में जा चुके हैं, जबकि कोटकपूरा के प्रत्याशी रहे रिपजीत सिंह बराड़ अपने बड़े भाई जगबीर बराड़ के साथ कदमताल कर रहे हैं। यही हाल मोगा उप चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़े विजय साथी का है। वह भी बराड़ के साथ चल रहे हैं, जिन्हें पार्टी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं। करतारपुर से चुनाव लडऩे वाले पूर्व मंत्री चौधरी जगजीत सिंह और डेराबस्सी से चुनाव लड़ चुके जसजीत सिंह रंधावा का निधन हो चुका है।
कुछ सीटें खाली
फिल्लौर से चुनाव लडऩे वाले चौधरी संतोख सिंह अब सांसद हैं, जिसके बाद यह सीट खाली है। इसके अलावा लुधियाना के आत्मनगर, जगरांव, मौड़, निहाल सिंह वाला, फरीदकोट का भी यही हाल हैं। धूरी के विधायक अरविंद खन्ना न सिर्फ कांग्रेस छोड़ चुके हैं, बल्कि उन्होंने राजनीति भी छोड़ दी है। इस कारण कांग्र्रेस को यहां से भी उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश है।