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वसायुक्त आहार व बढ़ते वजन से युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा: डा. विवेक

वसायुक्त खानपान धूम्रपान-शराब का सेवन व व्यायाम से दूरी से हम कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 03:24 AM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 03:24 AM (IST)
वसायुक्त आहार व बढ़ते वजन से युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा: डा. विवेक
वसायुक्त आहार व बढ़ते वजन से युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा: डा. विवेक

जासं,बठिडा: हर कोई स्वस्थ रहना चाहता है, पर दिनचर्या का बिगड़ना, वसायुक्त खानपान, धूम्रपान-शराब का सेवन व व्यायाम से दूरी से हम कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में 'ब्रेन स्ट्रोक' यानि दिगामी दौरा पड़ने की संभावना भी ज्यादा बढ़ जाती है। आज ब्रेन स्ट्रोक व अधरंग जैसे रोग व जीवन शैली में सुधार संबंधी जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। यह बात फोर्टिस अस्पताल में इंटरवेंशनल न्यूरोरेडयोलाजी विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डा. विवेक गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत में कही।

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डा. गुप्ता ने बताया कि उनके पास हाल ही में एक 87 वर्षीय मरीज ब्रेन स्ट्रोक के करीब 10 घंटे बाद पहुंचा था, जिसके दाहिने हिस्से में पूरी तरह लकवा मार गया था। जांच में पता चला कि उसके मस्तिष्क में दाहिने हिस्से में रक्त की आपूर्ति रुक गई थी। मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी तकनीक से उसकी उक्त धमनी से खून के थक्के (क्लाट) को हटा दिया गया तथा आज वह पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव आने से गंभीर से गंभीर मरीज स्वस्थ हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक (दिमागी दौरा) आने पर या शरीर को लकवा मारने पर दुखी या चितित होने की जरूरत नहीं है। यदि मरीज को तुरंत ऐसे अस्पताल जहां अनुभवी न्यूरोलाजिस्ट व न्यूरो सर्जन हों, तक पहुंचाया जा सकता है, तो मरीज की जल्दी रिकवरी संभव हो सकती है। हृदय रोगों व कैंसर के बाद ब्रेन स्ट्रोक के मामले चिताजनक तरीके से बढ़ रहे हैं। बड़े-बुजुर्ग ही नहीं, अब युवा भी इसके निशाने पर हैं। ब्रेन स्ट्रोक- दिमाग की नाड़ी में रुकावट आना या उम्र भर के लिए अपंगता का एक बड़ा कारण है। यह मानवीय स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है।

उन्होंने बताया कि असंतुलित खानपान व बढ़ता वजन युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक के बढ़ते केसों का कारण बन रहा है। शुरुआती स्तर पर मामला संभाल लिए जाने पर मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि कोई भी लक्षण नजर आए तो तुरंत ही न्यूरोलाजिस्ट व न्यूरो सर्जन से मिलें व अपनी दिनचर्या व आहार में डाक्टर द्वारा दी गई सलाह से सेहत में सुधार लाया जा सकता है। हर दिन कम से कम 20-30 मिनट के लिए चलना या साइकिल चलाना न केवल आपको फिट रहने में मदद करेगा, बल्कि कई बीमारियों को दूर रखेगा।


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