बिजली का ये कैसा रेट, 88 यूनिट का 7.72 लाख बिल
पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पावरकॉम) द्वारा उल्टे सीधे बिल भेजे जाने से बिजली उपभोक्ता परेशान हैं। यहां एक उपभोक्ता को पिछले तीन बार से लाखों रुपये का बिल भेजा जा रहा है। उसे 88 यूनिट की बिजली खपत के लिए 7.72 लाख का बिल भेज दिया गया है।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पावरकॉम) का भी जवाब नहीं है। पता नहीं यह कब कौन सा कारनामा कर दे। उसने एक उपभोक्ता को 88 यूनिट बिजली की खपत के लिए 7.72 लाख रुपये से अधिक का बिल भेज दिया है। उसे कई महीने से लाखों के बिल आ रहे हैं। वह पॉवरकॉम के अधिकारियों के चक्कर काटते-काटते थक गया है, लेकिन भारी भरकम बिल आना जारी है।
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बठिंडा के प्रताप नगर निवासी कैलाश चंद ने बताया कि उनका घर सिर्फ 42 गज में है। उनके पीछे उनके भाई का घर है और उनके पास भी 42 गज का ही प्लॉट है। इन दोनों के घरों में अलग-अलग मीटर लगे हैं। एक मीटर पर एक मोटर चलती है, जबकि उनके मीटर पर सिर्फ एक फ्रिज व दो बल्ब का लाेड है। दो माह में उनकी सिर्फ 88 यूनिट खपत हुई है, लेकिन बिल 7,72,760 रुपये आया है। यह भारीभरकम बिल देखकर उसके होश उड़ गए हैं।
उसने बताया कि वह अनाप-शनाप बिजली बिल आने से कई माह से परेशान है। पावरकॉम ने उसे जून में 1590 रुपये का बिजली बिल भेजा था, जिसे उसने जमा कर दिया। इसके बाद अगस्त में माइनस में 2375 रुपये भेजा गया। पूछने पर पावरकॉम कर्मियों ने बताया कि आपके खाते में पहले ज्यादा पैसे जमा हेा गए होंगे, इसलिए ऐसा बिल आया है। अगले बिल में यह राशि एडजेस्ट हो जाएगा।
उसने बताया कि इसके बाद अक्टूबर में 12 लाख रुपये का बिल आया तो उसके होश उड़ गए। इसके बाद वह बिल लेकर पावरकॉम अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई हल नहीं हुआ। उसने इस बिल काे लेकर कोई बिल नहीं भरा।
उसने बताया कि इसके बाद दिसंबर में 10 लाख का बिल भेज दिया गया। उसने फिर पावरकॉम अधिकारियों से इसे ठीक करने की गुहार लगाई, लेकिन कोई हल नहीं हुआ। इसके बाद फरवरी में 7,72,760 रुपये का बिल भेज दिया। उन्होंने फिर पावरकॉम अधिकारियों से संपर्क साधा, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कैलाश चंद ने बताया कि वह व उनकी पत्नी पावरकॉम दफ्तर के अब तक दर्जनों चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस संबंध में एडिशनल एसई हरदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि अब तक उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं पहुंची है। वह मामले की जांच कराएंगे। हो सकता है साफ्टवेयर में कोई परेशानी हो, इसे प्राथमिकता के आधार पर ठीक करेंगे।