बठिडा ब्लड बैंक के सभी मामलों की होगी विजिलेंस जांच
पीड़ित बच्चों व एक महिला को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाया है या फिर यह एक लापरवाही थी।
जासं, बठिडा : सिविल अस्पताल बठिडा के ब्लड बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों ने एक साजिश के तहत चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों व एक महिला को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाया है या फिर यह एक लापरवाही थी। यह सच्चाई अब विजिलेंस विभाग पता करेगा। सेहत विभाग ने पिछले कुछ समय में बठिडा ब्लड बैंक में हुई तमाम घटनाओं व वारदातों की निष्पक्ष जांच की सिफारिश विजिलेंस विभाग से की थी, जिसे विजिलेंस ने मंजूर कर लिया और सिविल अस्पताल बठिडा के अधिकारियों को जांच के लिए रिकार्ड मुहैया करवाने की हिदायत दी गई है। विजिलेंस विभाग की टीम आगामी दिनों में अस्पताल आकर सभी मामलों की जांच शुरू कर सकती है। इसमें ब्लड बैंक से गायब हुई एचआइवी किट की जांच की जाएगी। इसके अलावा विजिलेंस ने सिविल अस्पताल प्रबंधन से ब्लड बैंक का रिकार्ड तलब किया है। वहीं अब तक की जांच रिपोर्ट भी जमा करवाने के लिए कहा गया है। इस जांच में राज्य बाल सुरक्षा आयोग की तरफ से सेहत विभाग की तरफ से की गई जांच में उठाए सवालों की तलाश होगी। इसमें पूर्व बीटीओ बलदेव सिंह रोमाणा की तरफ से 600 एचआइवी टेस्ट किट जोकि बाहर से मंगवाकर बैंक के स्टाक रूम में रखी गई थी, उसकी भी जांच विजिलेंस की ओर से की जाएगी। इसमें पता लगाया जाएगा कि उक्त किट किसे और किस मकसद से दी गई थी। किट कहां से लाई गई थी व सेहत विभाग के पास जो स्टाक था वह कहां गया। इसमें किसी बड़े घपले की आशंका से भी पर्दा हटाया जाएगा।
फिलहाल विजिलेंस विभाग को ब्लड बैंक बठिडा में पिछले पांच साल के रिकार्ड को देखने व इसमें किसी तरह की अनियमितता की जांच के लिए भी कहा है। सिविल अस्पताल प्रबंधन पर कुछ दिनों से मामले को दबाने व असल आरोपितों को बचाने के आरोप भी लगते रहे हैं। फिलहाल विजिलेंस इसमें असल आरोपितों का भी पता लगाएंगी।
पंजाब राज्य बाल अधिकार कमिशन ने गत 27 नवंबर को जारी रिपोर्ट में सिविल अस्पताल अधिकारियों को ब्लड बैंक में घपला कर किट बाहर भेजने के मामले का 20 दिन में पता लगाकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की हिदायत दी है। अब विजिलेंस पर भी दवाब है कि वह आयोग की हिदायतों के अनुसार पूरे मामले में 17 दिसंबर से पहले अपनी रिपोर्ट तैयार कर आरोपितों का पता लगाकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करे। इसी तरह शनिवार को सिविल अस्पताल में आयोग की रिपोर्ट व विजिलेंस की जांच के बाद हड़कंप का माहौल रहा।
गौरतलब है कि पिछले 55 दिनों से बठिडा के सिविल अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में पांच लोगों को संक्रमित खून चढ़ाया जा चुका है। इसमें सबसे चिताजनक व अमानवीय पहलू यह है कि एचआइवी पाजिटिव रक्त चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ा दिया गया। इसके बाद मामले की जांच स्टेट कमेटी के साथ एड्स कंट्रोल सोसायटी के पदाधिकारियों की तरफ से की गई थी। इसमें अक्टूबर में सिविल अस्पताल में तैनात तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था व उनके खिलाफ पुलिस के पास आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई। इसमें एक कर्मी बलदेव सिह रोमाणा को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अन्य दो लोगों के खिलाफ जांच चल रही है। वहीं सात नवंबर को घटित अन्य घटना में चार लैब तकनीशियनों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई। फिलहाल सेहत विभाग की उक्त कार्रवाई पर पंजाब राज्य बाल अधिकार कमिशन ने सवाल खड़े करते जांच के कई पहलुओं पर फिर से जांच करवाने की हिदायत दी है। जो रिकार्ड मांगा जाएगा वह उपलब्ध करवाया जाएगा : डा. संधू सिविल सर्जन बठिडा डा. अमरीक सिंह संधू का कहना है कि ब्लड बैंक के मामले की विजिलेंस जांच करवाने का फैसला सरकार का है। सेहत मंत्री ने भी बयान दिया था कि वह विजिलेंस जांच करवाएंगे, इसलिए इस मामले में उन्हें कोई ज्यादा जानकारी नहीं है। सरकार अपने स्तर पर जांच करवा रही है। कोई रिकार्ड मांगा जाता है तो वह मुहैया करवाएंगे।