कांग्रेस ने पांच हलकों पर पुराने चेहरों पर जताया विश्वास, दो पर नए खिलाड़ी
कांग्रेस पार्टी की ओर से शनिवार को जारी की गई पहली लिस्ट में बठिडा मानसा के नौ विधानसभा हलकों में से आठ के उम्मीदवार एलान दिए गए
गुरप्रेम लहरी बठिडा
कांग्रेस पार्टी की ओर से शनिवार को जारी की गई पहली लिस्ट में बठिडा मानसा के नौ विधानसभा हलकों में से आठ के उम्मीदवार एलान दिए गए, जबकी सरदूलगढ़ के उम्मीदवार की अभी तक घोषणा नहीं की गई। कांग्रेस द्वारा जारी की गई पहली लिस्ट में आठ हलकों में से पांच पर पुराने उम्मीदवारों पर ही विश्वास जताया गया और उनको दोबारा से टिकट देकर नवाजा गया। वहीं मौड़ मंडी हलके से डा. मनोज बाला बंसल, बुढलाडा से पूर्व सांसद हाकम सिंह मियां की पौत्रवधु रनबीर कौर मियां को टिकट देकर नवाजा है और इसी प्रकार मानसा हल्के से गायक सिद्धू मूसेवाला को टिकट देकर नवाजा गया है।
रामपुरा फूल विधानसभा हलका से एक बार फिर पूर्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ चुनाव लड़ेंगे। भूच्चो मंडी से भी पूर्व विधायक प्रीतम सिंह कोटभाई पर ही विश्वास जताया गया है। इसी प्रकार बठिडा शहरी हलके से भी विधायक मनप्रीत सिंह बादल पर विश्वास जताते हुए एक बार फिर उनको ही टिकट दिया गया है। बठिडा देहाती हलके से इस बार हरविदर सिंह लाडी को टिकट देकर नवाजा गया है। हालांकि 2017 के चुनाव में हरविदर सिंह लाडी चुनाव हार गए थे। तलवंडी साबो हलका से भी पिछले चुनाव में पराजित होने वाले खुशवाज जटाना पर ही विश्वास जताते हुए एक बार फिर टिकट देकर नवाजा है।
मौड़ मंडी हलके से डा. मनोज बाला बंसल कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे, जबकि आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक जगदेव सिंह कमालू के अलावा अन्य 10 नेता टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने मनोज बाला बंसल पर ही विश्वास जताया है। मानसा विधानसभा हलके से गायक सिद्धू मूसेवाला को टिकट देकर नवाजा गया है जबकि मौजूदा विधायक नाजर सिंह मानशाहिया, जिला यूथ प्रधान चुस्पिदरबीर सिंह चहल और पूर्व मंत्री शेर सिंह गागोवाल के पौत्रे माइकल गागोवाल द्वारा उनका खुलेआम विरोध किया जा चुका है। इसी प्रकार बुढलाडा विधानसभा हलके से भी इस बार नया चेहरा रणवीर का और मीयां को उतारा गया है। हारने के बावजूद लाडी और जटाणा को मिला टिकट बठिडा देहाती विधान सभा हलका व तलवंडी साबो विधानसभा हलकों से 2017 में कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव हार गए थे। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने उन पर ही अपना विश्वास जताया है। बठिडा देहाती हलके से कांग्रेस के हरबिदर सिंह लाडी आम आदमी पार्टी की रुपिदर कौर रूबी से 22633 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। इसी प्रकार तलवंडी साबो विधान सभा हल्के से खुशबाज सिंह जटाणा आम आदमी पार्टी की प्रो.बलजिदर कौर से 19248 वोटों के अंतर से पराजित हुए थे। पार्टी ने इस बार भी इन दोनों पर अपना विश्वाश प्रक्ट करते हुए पहली लिस्ट में ही टिकट देने की घोषणा की है। कांग्रेस में शामिल हुए, फिर भी कट गया टिकट आम आदमी पार्टी के बठिडा से चुनाव जीतने वाले दो तो मानसा से एक विधायक आप को छोड़ कर कांग्रेस में चले गए। बठिडा देहाती से चुनाव लड़ने वाली रुपिदर कौर रूबी को मलौट से टिकट दे दिया गया, जबकि मानसा से विधायक नाजर सिंह मानशाहिया व मौड़ से जगदेव कमालू टिकटें लेने में कामयाब नहीं हो पाए। मनप्रीत का घटा दबदबा, राजा वड़िंग का बढ़ा टिकटों की बांट में मनप्रीत बादल की नहीं चल पाई। वह बठिडा देहाती विधानसभा हलके से गुरजंट सिंह कुत्तीवाल को टिकट दिलाना चाहते थे, जबकि राजा वडि़ग यहां से पुराने उम्मीदवार हरबिदर सिंह लाडी के पक्ष में डट गए थे। वह लाडी को टिकट दिलाने में कामयाब रहे। बुढलाडा से रंजीत कौर भट्टी पहले मनप्रीत बादल की पार्टी पीपीपी के कोटे से ही 2017 के चुनाव लड़ी थी, लेकिन मनप्रीत बादल के कोटे की सीट होने के बावजूद वह भट्टी को टिकट नहीं दिला पाए। हलका- बठिडा शहरी
मनप्रीत सिंह बादल
उम्र- 59 साल
शैक्षणिक योग्यता- बीए एलएलबी
इसलिए मिला टिकट: 1995 के बाय इलेक्शन के अलावा 1997, 2002 व 2007 के विधानसभा चुनावों में अकाली दल से गिदड़बाहा से तो 2017 में कांग्रेस से बठिडा से विधायक रहे। वह 2007 में अकाली सरकार में वित्तमंत्री भी रहे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद 2017 के चुनाव जीतने के बाद पंजाब में फिर से वित्तमंत्री बने। वह कैप्टन सरकार के समय और बाद में चरनजीत चन्नी के मंत्रीमंडल में भी वित्तमंत्री रहे। हल्का- भुच्चो मंडी
प्रीतम सिंह कोटभाई
उम्र- 56 साल
शैक्षणिक योग्यता-10 पास
इस लिए मिला टिकट: विधायक प्रीत्म सिंह कोटभाई को मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के काफी करीबी माना जाता है। इसके अलावा उप मुख्य मंत्री सुखजिदर सिंह रंधावा के साथ भी उनके अच्छे तालुकात हैं। 2017 में भुच्चो मंडी से विधायक बने।जबकि 2012 में वे अकाली दल की टिकट पर इसी हल्के भुच्चो मंडी से चुनाव लड़े थे। लेकिन हार गए थे। हल्का- रामपुरा
गुरप्रीत सिंह कांगड़
उम्र- 5 साल
शैक्षणिक योग्यता- ग्रैजुएशन
इस लिए मिला टिकट: गुरप्रीत सिंह कांगड़ अब तक तीन बार विधायक रह चुके हैं। वह 2002 रामपुरा फूल से आजाद चुनाव जीते तो 2007 व 2017 में कांग्रेस से चुनाव जीते। वह 2017 में कैप्टन सरकार में पहले पावरकाम व बाद में ग्रामीण विकास मंत्री भी रहे। हालांकि चन्नी सरकार में उनका मंत्रीपद छिन गया था। लेकिन कांग्रेस के बड़े कद के नेता होने से उनको टिकट देकर नवाजा गया है।
------------- हल्का- तलवंडी साबो खुशबाज सिंह जटाना
उम्र- 41 साल
शैक्षणिक योग्यता- एलएलबी
इस लिए मिला टिकट: खुशबाज जटाणा भी ट्रांस्पोर्ट मंत्री अमरिदर सिंह राजा वडिग के काफी करीबी हैं। ऐसे में राजा वडिग द्वारा भी उनके नाम की सिफारिश की गई। हालांकि जटाणा 2017 में पहली बार तलवंडी साबो से कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े थे लेकिन चुनाव जीत नहीं पाए थे। ------------- हल्का- बठिडा देहाती
हरविदर सिंह लाडी
उम्र- 56 साल
शैक्षणिक योग्यता- पोस्ट ग्रैजुएट
इस लिए मिला टिकट: हरविदर सिंह लाडी कभी मनप्रीत बादल के सबसे करीबियों में होते थे। लेकिन लोक सभा चुनउव के बाद उनके संबंधों में खटास आ गई। लेकिन इसके बाद उनके संबंध लोक सभा चुनाव लड़ने वाले राजा वडिग के साथ मधुर हो गए। यह ही मनप्रीत बादल के विरोध के बावयूद भी वह टिकट लेने में कामयाब हो गए। हालांकि
वह 2012 में भुच्चो मंडी से पीपीपी की टिकट व 2017 में बठिडा देहाती से कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े। लेकिन दोनों बार जीत नहीं पाए थे। -------------
हल्का- मौड़ मंडी
डा. मनोज बाला बांसल
उम्र- 55 साल
शैक्षणिक योग्यता-- बेचलर आफ आयुर्वेदिक साइंस
इस लिए मिला टिकट: डा.मनोज बाला के पति मंगत रॉय बंसल भी विधायक रह चुके हैं और उनके कांग्रेस के नेता ब्रहम मोहिद्रा के साथ गहरे संबंध हैं। यह माना जा रहा है कि उनके सदका ही डा.मनोज बाला टिकट लेने में कामयाब हुई हैं। जबकि 2017 में मानसा से कांग्रेस की टिकेट से वह पहली बार चुनाव लड़ी थी और जीत नहीं पाई थी। हल्का- मानसा
शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला
उम्र- 28 साल
शैक्षणिक योग्यता-- ग्रैजुएशन इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग
इस लिए मिला टिकट: गायक सिद्धू मूसे वाला का गायकी की क्षेत्र में बड़ा नाम है। कांग्रेस इसको कैश करना चाहती थी। इसके चलते उन्होंने सिद्धू से संपर्क साधा। ट्रांस्पोर्ट मंत्री राजा वडिग के अलावा मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के साथ उनके गहरे संबंध हैं। ------------- हल्का- बुढलाडा
रणबीर कौर मियां
उम्र- 32 साल
शैक्षणिक योग्यता-- इंग्लिश में पीएचडी व एमबीए
इस लिए मिला टिकट: रणबीर कौर मियां के दादा ससुर हाकम सिंह मियां कांग्रेस के सांसद रहे हैं। आतंकवाद के समय उनका कत्ल कर दिया गया। कांग्रेस पार्टी ने उनकी शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी पौत्रबधू रणबीर कौर मियां को टिकट देकर नवाजा है जबकि मनप्रीत बादल की करीबी रंजीत कौर भट्टी की टिकट काट दी गई है।