बयान दर्ज करवाने के लिए दो घंटे तक एसएमओ दफ्तर के बाहर इंतजार करता रहा पीड़ित परिवार
अधिकारियों व कर्मचारियों के कारण आएं दिन किसी ना किसी बच्चे की जान से खिलवाड़ हो रहा है।
जासं, बठिडा : सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के कारण आएं दिन किसी ना किसी बच्चे की जान से खिलवाड़ हो रहा है। पहले सात साल के बच्चे के बाद अब 11 साल के थैलेसीमिया बच्चे को एचआईवी पाजिटिव रक्त चढ़ाने के मामले में वीरवार को पीड़ित बच्चे व उसके परिजनों के बयान तक दर्ज नहीं किए गए है, जबकि पीड़ित बच्चा व उसके माता-पिता वीरवार सुबह मामले की जांच को लेकर गठित कमेटी के पास अपने बयान दर्ज करवाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन करीब दो घंटे तक एसएमओ दफ्तर के बाहर बैठकर इंतजार करने के बाद बिना बयान दर्ज करवाएं बैरंग चले गए। पीड़ित परिवार के जाने के बाद जांच कमेटी ने उन्हें फोन कर उन्हें बयान देने के लिए दोबारा बुलाया, लेकिन पीड़ित परिवार ने शुक्रवार को आने की बात कहीं। वहीं दूसरी तरफ शहर की समाजसेवी संस्था श्री गणेश वेलफेयर सोसायटी ने सेहतमंत्री बलवीर सिंह सिद्धू समेत तमाम उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत भेजकर मामले की जांच करवाने और आरोपित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि सरकारी ब्लड बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों की इन लापरवाही के कारण रक्तदान की मुहिम का झटका लग रहा है और सरकारी ब्लड बैंक के प्रति विश्वास उठता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ थैलेसीमिया एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि बठिडा जिले में करीब 80 से ज्यादा बच्चे थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित है, जिनमें से ज्यादा तरह गरीब व मध्यवर्ग के परिवार से संबंधित है और उनका इलाज सिविल अस्पताल से चल रहा है। ऐसे में पहले ही बीमारी से पीड़ित बच्चों को रक्त के जरिए एचआईवी जैसी खतरनाक बीमारियां ब्लड़ बैंक के अधिकारियों की तरफ से बांटी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व छह माह से ब्लड़ बैंक में इलाइजा टेस्ट करने के बजाय केवल रैपिड टेस्ट किए जा रहे है। गौर हो कि एसएमओ डा. मनिदरपाल सिंह को महिला ने शिकायत दी कि उसके थैलेसीमिया बेटे को हर महीने सरकारी अस्पताल में ब्लड चढ़ता है। सात नवंबर को ब्लड लगवाने अस्पताल गईं। जब बच्चे को ब्लड लग रहा था उस समय लैब कर्मी ने बच्चे का ब्लड सैंपल लिया और कोई जानकारी नहीं दी कि क्यों लिया गया है। सोमवार को बच्चे को फिर से सरकारी अस्पताल बुलाया और ब्लड टेस्ट हुआ। उसके बाद बताया गया कि उनका बेटा एचआईवी पाजिटिव है। उन्हें शक है कि ये बीमारी बेटे को ब्लड चढ़ने से हुई है। बच्चे की मां ने एसएमओ से जिम्मेदार आरोपितों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की। इसके बाद मामले की जांच के लिए डा. गुरमेल सिंह, डा. सतीश जिदल व डा. मनिदपाल कौर की अगुआई में एक जांच कमेटी का गठन किया गया था। जांच कमेटी ने वीरवार को पीड़ित परिवार के बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया था, लेकिन वह बिना बयान दर्ज करवाएं वापस लौट गई।
उधर, एसएमओ डा. मनिदपाल सिंह का कहना है कि पीड़ित परिवार आज बयान दर्ज करवाने के लिए आएं थे, लेकिन वह पहले चिल्ड्रन अस्पताल चले गए और उसके बाद वह उनके पास आएं, तब वह कोई जरूरी मीटिग कर रहे थे। उन्हें कुछ देर इंतजार करने के लिए कहां गया था, लेकिन वह बिना बताएं चले गए। अब दोबारा उन्हें बुलाया गया है। मामले की जांच चल रही है, जो कोई भी आरोपित होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।