अब दिव्यांगों का सहारा बनेगी यूनिक आइडी
दिव्यांग लोगों को देशभर में अलग पहचान देने के लिए शुरू की यूनिक आइडी देने की योजना के तहत जिले में भी इसका काम शुरू हो गया है।
जासं, ब¨ठडा : दिव्यांग लोगों को देशभर में अलग पहचान देने के लिए शुरू की यूनिक आइडी देने की योजना के तहत जिले में भी इसका काम शुरू हो गया है। इसकी जिम्मेवारी सामाजिक सुरक्षा विभाग को दी है। जिनके द्वारा जिले के दिव्यांग लोगों का डाटा एकत्र कर उनका डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। जबकि यूनिक आइडी बनने के बाद दिव्यांग लोगों को काफी सुविधाएं मिलेंगी। इसी के जरिए इनको केंद्र व राज्य शासन की योजनाओं का लाभ मिलेगा। खासकर यात्रा के दौरान विशेष सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए जिले में यूनिक आइडी बनाने दिव्यांगों व परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। जबकि अब तक दिव्यांगों को जिला स्तर पर परिचय पत्र जारी किया जाता था। मगर अब सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय ने इसके लिए विशेष सॉफ्टवेयर बनाया है। इसके जरिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। यूनिक आइडी कार्ड को आधार कार्ड से ¨लक करने के बाद विशेष सॉफ्टवेयर में अपलोड करना होगा। ऑनलाइन स्वीकृति के बाद समाज कल्याण विभाग द्वारा यूनिक कार्ड जारी किया जाएगा। इसके बाद इस कार्ड से ये लोग काम कर सकेंगे।
हर राज्य में मिल सकेंगी सुविधाएं
केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न सरकारी योजनाओं की सुविधा जैसे नौकरी में आरक्षण से लेकर ट्रेन व बस में यात्रा के दौरान भी विशेष छूट दी जा रही है। इनकी परेशानी यह है कि एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा के दौरान इनको गृह राज्य में दी जाने वाली सुविधाएं नहीं दी जाती। साथ ही पहचान पत्र की मान्यता भी नहीं रह जाती है। इसके चलते दिव्यांगों व परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब ऐसा नहीं होगा, जिसके तहत केंद्र सरकार ने देशभर के दिव्यांगों के लिए विशेष प्रकार का पहचान पत्र बनाने का निर्णय लेते हुए राज्य सरकारों को इस दिशा में काम करने कहा है। जिला प्रशासन ने इसकी जिम्मेदारी सामाजिक सुरक्षा विभाग को दी है। जिनके द्वारा यूनिक आईडी के लिए नाम, स्थाई पता, उम्र, शारीरिक दिव्यांगता एवं विशिष्ट पहचान का उल्लेख किया जाएगा इसके अलावा मोबाइल नंबर भी दर्ज किया जाएगा। यह है यूनिक आइडी
इस संबंध में जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी डीएसएसओ नवीन गढ़वाल ने बताया कि यूनिक आइडी में दिव्यांग की पासपोर्ट साइज फोटो, नाम, उम्र व पता होने के अलावा विशिष्ट पहचान को भी कार्ड में दर्ज किया जाएगा। आधार कार्ड की तर्ज पर प्रत्येक दिव्यांग को एक यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। यही नंबर इनकी पहचान होगी। नंबर क्लिक करते ही दिव्यांगों की पूरी बायोग्रॉफी कंप्यूटर के स्क्रीन पर नजर आने लगेगी। वहीं यूनिक आइडीधारक दिव्यांगों को गृह राज्य के अलावा समूचे देश में सुविधाएं मिलेंगी। खासकर ट्रेन या बस मार्ग से यात्रा के दौरान मिलने वाली छूट में कोई बदलाव नहीं होगा। इनके साथ परिवार के एक सदस्य को भी रियायत मिलेगी।