ट्रक ऑपरेटरों से वसूला जा रहा गुंडा टैक्स बंद करवाए सरकार
ट्रक ऑपरेटरों से वसूला जा रहा गुंडा टैक्स बंद करवाए सरकार
जासं, बठिडा : रामपुरा फूल के ट्रक ऑपरेटरों ने ट्रक यूनियन के प्रधान पर गुंडा टैक्स लागू करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग कि उक्त गुंडा टैक्स बंद करवाकर ट्रक आपरेटरों को राहत दी जाए। मंगलवार को बठिडा प्रेस क्लब पहुंचे ट्रक आपरेटर प्रीतपाल सिंह, निर्मल सिंह, गुरतेज सिंह व जोगिदर सिंह ने बताया कि ट्रक यूनियन के प्रधान ने एक फरमान जारी कर फैसला लिया कि ट्रक ऑपरेटरों को अब छह महीने के बाद बड़े ट्राले के 1300 रुपये, ट्रक के 1000 रुपये और छोटे कैंटर के 700 रुपये टैक्स देना होगा। उन्होंने प्रधान के इस नए फैसले को सीधे तौर पर गुंडा टैक्स करार दिया है। उन्होंने कहा कि वह फैसले को वापस लेने और छूट देने के संबंध में मंगलवार को प्रधान को मिलने के लिए उनके दफ्तर गये थे, लेकिन उन्होंने उनकी कोई भी सुनवाई नहीं की। ट्रक आपरेटरों ने आरोप लगाया कि यूनियन प्रधान सत्ताधारी पार्टी के एक मंत्री की शह पर यह सब कुछ कर रहा है। उन्होंने मांग कि साल 2007 से लेकर पूर्व यूनियन मैनेजमेंट द्वारा फैसला लिए गए थे, उन्हें ही लागू किया जाए। अगर फिर भी किसी तरह की खर्चे की जरूरत है, तो यूनियन के टीडीएस फंड को निकलवा कर प्रयोग किया जाए और ट्रक ऑपरेटरों पर बोझ न डाला जाए। वहीं, जो सीमेंट फैक्टरी में पर्ची आती है, उससे ही ट्रक यूनियन का खर्चा चलाया जाए। वहीं, केंद्र सरकार ने ट्रकों की पासिग बढ़ाई है, उस पासिग को ही सीमेंट फैक्टरी में लागू किया जाए और इसकी ट्रक यूनियन में पासिग का हिसाब अनुसार बुकिग की जाए। इसके अलावा ट्रक ऑपरेटरों ने मांग की है कि जो डीटीओ की ओर से पिछले दो साल से धक्के से ट्रकों को चालन काटे जा रहे हैं, उन्हें बंद करवाया जाए। ऑपरेटरों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को न माना गया तो वह संघर्ष करने को मजबूर होंगे। इस अवसर पर हरजिदर सिंह, रंजीत सिंह, जगजीत सिंह, जगजीत सिंह, अमरजीत सिंह, गुरसेवक आदि मौजूद थे।
ट्रक यूनियन वाली खबर का वर्जन कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया है : प्रधान
रामपुरा ट्रक यूनियन के प्रधान भोला शर्मा का कहना है कि कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया गया है। यूनियन को आमदनी नहीं होने के कारण यूनियन के खर्च निकालने के लिए आपरेटरों से यह फीस ली जा रही है। यूनियन का हर माह का करीब ढाई लाख रुपये खर्च है, जोकि आपरेटरों की तरफ से फीसों से निकाला जाएगा। रही बात सत्ताधारी पार्टी के नेता की शह देने के आरोप पूरी तरह से गलत है, जिन आपरेटरों ने आरोप लगाएं है, वह स्वयं अकाली दल से जुड़े हुए और उन्होंने दस साल तक यूनियन चलाई है।
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