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पावर सप्लाई मिलने के एक माह बाद भी नहीं हो पाई एम्स में मशीनों की टेस्टिग

निर्माणाधीन एम्स में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के दौरे के एक माह बाद भी मशीनों की टेस्टिग शुरू नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 11:39 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 11:39 PM (IST)
पावर सप्लाई मिलने के एक माह बाद भी नहीं हो पाई एम्स में मशीनों की टेस्टिग
पावर सप्लाई मिलने के एक माह बाद भी नहीं हो पाई एम्स में मशीनों की टेस्टिग

साहिल गर्ग, बठिडा

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निर्माणाधीन एम्स में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के दौरे के एक माह बाद भी मशीनों की टेस्टिग शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि 30 सितंबर को जब हरसिमरत ने एम्स का दौरा किया था, तो उस समय विरोध जताया था कि वह तो चाहती थी कि 29 सितंबर को एम्स में ओपीडी शुरू हो जाए। मगर उनको सही ढंग से पावर सप्लाई न मिलने के कारण मशीनों की टेस्टिग नहीं हो पाई।

वहीं, मशीनों की टेस्टिग के लिए पावर सप्लाई दिए हुए भी एक महीने से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन टेस्टिग का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। जबकि एम्स को अब दो फीडरों से पावर सप्लाई मिल चुकी है, जिसके तहत एक फीडर महता गांव का है तो दूसरा फीडर इंडस्ट्रियल ग्रोथ सेंटर का है।

दूसरी तरफ एम्स में मशीनों की टेस्टिग न होने को लेकर पहले तो पावर सप्लाई, तो बाद में दीवाली का त्योहार आना कारण बताया गया। कुल मिलाकर पंजाब की कांग्रेस सरकार व केंद्र की भाजपा सरकार की आपसी खींचतान में एम्स का प्रोजेक्ट लटक गया है। इसी प्रकार बठिंडा एम्स के पहले पढ़ाव में 12 डॉक्टरों को तैनात किया जाना है, जिसके लिए पीजीआइ द्वारा डॉक्टरों का इंटरव्यू भी लिया गया है। मगर अभी तक सिर्फ छह डॉक्टरों को ही पक्का किया गया है। ऐसे में बिना डॉक्टरों के भी ओपीडी शुरू होना मुमकिन नहीं है।

गांव के फीडर से सप्लाई मिलने पर था रोष

पावरकॉम द्वारा एम्स के लिए दो अलग-अलग लाइनों को डाला गया है। इसके तहत पहले तो एम्स के लिए 28 सितंबर को महता गांव के फीडर से सप्लाई दी गई। जिस पर विरोध जताया कि गांव के फीडर से सप्लाई सही नहीं आती, जिस कारण काम लटक गया है। वहीं, इसके बाद अब एम्स के लिए ग्रोथ सेंटर से भी सप्लाई दी गई है। यह इसलिए किया गया है कि अगर एक फीडर बंद हो जाए तो दूसरे फीडर से सप्लाई चालू की जा सके। जबकि बठिडा एम्स के लिए कुल नौ एमवीए का लोड मांगा गया है। मगर फिलहाल यहां पर दो एमवीए की सप्लाई दी गई है और मांग बढ़ने पर धीरे-धीरे लोड भी बढ़ाया गया। जबकि एम्स में लगाए गए दोनों ही ट्रांसफार्मर की क्षमता 15-15 एमवीए की है। टेस्टिग को लगेगा एक महीने का समय

एम्स में मशीनों की टेस्टिग न हो पाने के लिए एक महीने के लिए ओर भी काम लटक गया है। पहले जब 30 सितंबर को हरसिमरत ने एम्स का दौरा किया था, तो उम्मीद थी कि अब मशीनों की टेस्टिग होकर ओपीडी शुरू हो जाएगी। बेशक इसके लिए सभी काउंटर बनने के अलावा इमारत का भी निर्माण हो चुका है। लेकिन आज तक यहां पर मशीनों की टेस्टिग नहीं हो पाई, जिसको शुरू होने में अभी ओर भी समय लगेगा। वहीं, एम्स में लगने वाली मशीनरी की टेस्टिग के लिए हर समय पूरी लाइट चाहिए। जबकि टेस्टिग के लिए भी एक्सपर्ट बाहर से आएंगे, जिनको यहां पर करीब एक महीना लगेगा। वहीं, एक बार लाइट कट कर गई तो सारा प्रोसेस फिर से करना पड़ता है। एम्स को पूरी सप्लाई दी गई है बठिडा एम्स को अब पूरी सप्लाई दी जा चुकी है। एक सप्लाई महता फीडर से तो दूसरी इंडस्ट्रियल ग्रोथ सेंटर के फीडर से दी गई है। इन दोनों को शुरू कर दिया है। अगर एक बंद हो जाती है तो दूसरी सप्लाई अपने आप चालू हो जाएगी और इन दोनों ही फीडरों के लिए लगाए गए ट्रांसफार्मर भी हर समय ही स्टैंड बाय पर रहेंगे।

इंजी. मुकेश बांसल, चीफ इंजीनियर, पावरकॉम, पश्चिमी जोन।


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