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सेहत विभाग ने माना सेंटरों ने की ओवरचार्जिंग वसूली

डा. वलैती राम मेमोरियल डाग्नोस्टिक्स सेंटर आदेश इंस्टीट्यूट आर मेडिकल लाइंस एंड रिसर्च सेंटर व पाइनियर इमेजिग एंड डायग्नोस्टिक्स सेंटरों पर जिला सेहत विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 04:54 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 04:54 PM (IST)
सेहत विभाग ने माना सेंटरों ने की ओवरचार्जिंग वसूली

जासं, बठिडा : कोरोना काल में सिटी स्केन और एचआरसीटी टेस्ट को लेकर सरकार की तरफ से जारी चार्ज से अधिक की वसूली करने वाले बठिडा ओमेगा डाग्नोस्टिक सेंटर, डा. वलैती राम मेमोरियल डाग्नोस्टिक्स सेंटर, आदेश इंस्टीट्यूट आर मेडिकल लाइंस एंड रिसर्च सेंटर व पाइनियर इमेजिग एंड डायग्नोस्टिक्स सेंटरों पर जिला सेहत विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि सेहत विभाग की तरफ से की गई जांच में उक्त चारों सेंटरों की तरफ से अधिक वसूली करने के आरोप सही पाए गए और सेहत विभाग ने इस बात को खुद भी माना है, लेकिन नियमों अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। इस बाबत का पता सेहत विभाग से सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी में चला है। इसमें सेहत विभाग ने माना है कि शहर के चार प्रमुख डायग्नोस्टिक सेंटरों ने सरकार की तरफ से तय चार्ज से अधिक की वसूली की है। इसमें जांच में सभी सेंटरों को नियम तोड़ने का आरोपी पाया गया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर उक्त सभी सेंटरों को चेतावनी देकर आगे से ज्यादा चार्ज नहीं लेने का नोटिस देकर उन्हें क्लीनचीट दे दी गई।

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मरीजों से मनमाफिक चार्ज वसूलने को लेकर एडवोकेट सूर्यकांत सिगला की तरफ से लिखित शिकायत राज्य सेहत विभाग के साथ सिविल सर्जन बठिडा के पास की गई थी। इसके बाद पूरे मामले की जांच करने के बाद लगाएं गए आरोप सही पाए गए, लेकिन विभाग द्वारा फिर भी कोई कार्रवाई नहीं करना उनकी मिलीभगत का शक जाहिर कर रही है।

गौरतलब है कि कोरोना के एचआर सीटी चेस्ट द्वारा मरीजों की स्क्रीनिग में रोगी के पाजिटिव मिलने के बाद अधिकृत एचआर सिटी पीसीआर टेस्ट रिजल्ट बीमारी की स्थिति हां या ना बताती है, लेकिन एचआर सीटी चेस्ट रोगी में रोग की सही वस्तुस्थिति एवं गंभीरता को दिखाता है। इसी का फायदा उठा कुछ प्राइवेट अस्पताल संचालकों की तरफ से सिटी स्कैन और एचआरसीटी टेस्ट करवाने की होड़ शुरू हो गई व इसमें मरीजों व उनके परिजनों से मनमाफिक फीस वसूल की गई। इसके बाद राज्य सेहत विभाग ने सख्ती करते सभी सेंटरों के लिए तय फीस को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया।

यह दी गई थी हिदायतें

मरीजों से टेस्ट के दो हजार रुपये से अधिक की वसूली नहीं करने व कोविड की पुष्टि के बाद विभाग की मंजूरी के बाद ही टेस्ट करने की हिदायतें दी गई थी। इसमें हर सप्ताह हुए टेस्ट की रिपोर्ट व पूरा रिकार्ड सिविल सर्जन के पास देने के लिए भी कहा गया था। कोई भी प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर दो हजार रुपये से अधिक सीटी स्कैन व एचआरसीटी के वसूल नहीं करेगा। वहीं इस बाबत पूरा डेटा सिविल सर्जन के साथ शेयर करेगा। सिटी चेस्ट स्कैन के आधार पर किसी भी कोविड मरीज को पाजिटिव न नेगेटिव होने की पुष्टि नहीं करेगा बल्कि इसके लिए पहले से तय कोविड लैब टेस्ट के मानकों की पालना की जाएगी। वहीं सभी सेंटर साप्ताहिक रिपोर्ट भी सेहत विभाग के देंगे जिसमें वह कितने मरीजों की जांच स्कैन के माध्यम से की गई व किस स्थिति में इसकी जांच हुई व इसमें वसूली गई राशि का विवरण रसीद सहित देना लाजमी किया था।

इन डायग्नोस्टिक सेंटरों ने वसूली मनमाफिक फीस

जांच में सामने आया कि ओमेगा डायग्नोस्टिक्स सेंटर ने 24 मार्च 2021, डा. वलैती राम मेमोरियल डायग्नोस्टिक सेंटर ने एक मई 2021 से, आदेश इंस्टीट्यूट और मेडिकल लाइंस एंड रिसर्च सेंटर ने 14 मई 2021 व पाइनियर इमेजिग एंड डायग्नोस्टिक सेंटर ने 25 मार्च 2021 के बाद सरकारी आदेशों की पालना की जबकि आदेश जारी होने के पांच माह तक मरीजों से मनमाफिक चार्ज वसूल करते रहे, जबकि नोटिफिकेशन दिसंबर 2020 में ही जारी कर दिया गया था।


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