हेड आफिस से फाइल क्लीयर करवाने की एवज में मांगी रिश्वत
हमेशा चर्चा में रहने वाली नगर निगम बठिडा की सेनेटरी ब्रांच एक बार फिर से सुर्खियों में आई है।
नितिन सिगला, बठिडा :
पेट्रोल-डीजल व फागिग दवा में बड़े स्तर पर घोटाला करने के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाली नगर निगम बठिडा की सेनेटरी ब्रांच एक बार फिर से सुर्खियों में आई है। इस बार भी सेनेटरी ब्रांच के एक क्लर्क पर निगम के स्वर्गीय सफाई सेवकों के परिजनों को तरस के आधार पर मिलने वाली नौकरी की फाइल चंडीगढ़ हेड आफिस से क्लीयर करवाने की एवज में रिश्वत मांगने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। सेनेटरी ब्रांच की अमला शाखा में तैनात इस क्लर्क ने पीड़ित लोगों से चंडीगढ़ आने-जाने और चाय पानी के रूप में प्रति एक व्यक्ति से हजारों रुपये की रिश्वत की मांग की, वहीं पैसे नहीं मिलने तक उनकी फाइलों को मंजूरी के लिए हेड आफिस नहीं भेजा गया। इसके कारण जिन लोगों को नौकरी नहीं मिल सकी। वहीं मामले का उजागर होने के बाद निगम कमिश्नर ने मामले की जांच एसई ओएंडएम किशोर बांसल को सौंप दी है। उन्हें संबंधित क्लर्क को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा, लेकिन क्लर्क की तरफ से अभी तक पक्ष नहीं रखा गया है। वहीं दूसरी तरफ निगम के कुछ अधिकारियों की तरफ से क्लर्क का बचाव करने की कोशिश की जा रही है, जिसके कारण मामले की जांच को लटकाया जा रहा है। कुल मिलकर लंबे समय से निगम दफ्तर में चल रहे इस भ्रष्टाचार के खेल में कई कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत होने की आशंका जताई जा रही है। पूर्व पांच सालों में निगम बठिडा ने बड़ी संख्या में मृतक सफाई सेवकों के परिजनों को तरस के आधार पर नौकरी देने के प्रस्ताव पास किए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर मामले की निष्पक्ष जांच की जाएं, तो बड़े स्तर पर इस भ्रष्टाचार का राजफाश हो सकता है।
22 जनवरी को निगम हाउस ने दस मृतक सफाई सेवकों के परिजनों को नौकरी देने का किया था प्रस्ताव पास 22 जनवरी 2020 को निगम की सेनेटरी ब्रांच ने एक प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए निगम के जरनल हाउस को भेजा था, जिसमें निगम के दस मृतक सफाई सेवकों के परिजनों को तरस के आधार पर निगम में नौकरी पर रखने की सिफारिश की गई थी। हाउस को भेजे गए प्रस्ताव में ब्रांच ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि सफाई सेवक भल्ला पुत्र राखला की मौत चार मई 2019 को मौत हुई थी, जिसके बाद बेटे जगवीर सिंह ने नौकरी के लिए अप्लाई किया था। इसी तरह गुढ़ो पत्नी राम कृष्ण की एक फरवरी 2017 को मौत के बाद उसके बेटे शंकर नौकरी मांगी थी। स्वर्गीय लेखराज की मौत पांच अगस्त 2018 को हुई थी और उसकी पत्नी सीमा रानी, लीलो पत्नी मंगल की मौत 9 सितंबर 19 को हुई थी और उसकी बेटी मीरा, स्वर्गीय लक्ष्मी पत्नी राज कुमार की मौत 19 मई 2012 को हुई थी और उसकी जगह उसकी बेटी सुमन, स्वर्गीय नानक चंद की मौत 23 अक्टूबर 18 को हुई थी और उसकी जगह पर उसके बेटे अशोक कुमार, शंकुतला देवी पत्नी शाम लाल की मौत 4 सितंबर 18 को हुई थी और उसके बेटे दीपक कुमार, बसंती पत्नी देसराज की मौत 26 नवंबर 18 को हुई थी और उसके बेटे अशोक कुमार, स्वर्गीय कलावती पत्नी जग्गाराम की मौत 16 जून 18 को हुई थी और उसकी बेटे अशोक कुमार व स्वर्गीय सतपाल पुत्र बाबा राम की मौत 23 मार्च 19 को हुई थी और उसके बेटे अमृतपाल सिंह समेत कुल दस लोगों ने उनके स्वर्गीय माता-पिता की जगह पर उन्हें तरस के आधार पर नौकरी देने के लिए निगम को एप्लीकेशन दी थी। इसके बाद ब्रांच ने सरकार के आदेशों के बाद इन सभी लोगों की रिपोर्ट बनाकर हाउस को भेज दी थी, जिन्हें 22 जनवरी 2020 को हाउस ने मंजूरी दे दी थी। हाउस की मंजूरी मिलने के बाद सभी लोगों की फाइल की मंजूरी के लिए स्थानीय निकाय विभाग के डायरेक्टर के पास भेज दी थी। वहां से भी प्रस्ताव को पास कर दोबारा से निगम दफ्तर को भेज दिया गया, लेकिन अमला शाखा में तैनात क्लर्क सेवक सिंह ने पीड़ित लोगों को गुमराह करता रहा कि उनकी फाइल हेड आफिस में पेंडिग पड़ी है। उसने पीड़ित लोगों से कहा कि वह उक्त फाइलें हेड आफिस जाकर क्लीयर करवा देगा, इसके उन्हें उनको सेवा पानी देना होगा। इसके कारण उन्हें लोगों को अभी तक नौकरी नहीं मिल सकी। क्लर्क के खिलाफ शिकायत मिली है : बांसल
निगम के एसई किशोर बांसल ने कहा कि सेनेटरी ब्रांच के एक क्लर्क के खिलाफ विभाग को शिकायत मिली थी। इसकी जांच की जा रही है। इस बाबत क्लर्क को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। उस पर प्रस्ताव पास होने के बाद भी नौकरी ज्वाइंनिग नहीं करवाने के आरोप लगे है, जिसकी जांच की जा रही है। उसने पैसे मांगे है या नहीं यह जांच करने के बाद ही क्लीयर हो सकेगा।