निगम की दुकानों की जल्द मिलेंगे किरायेदारों को मालिकाना हक
पिछले 12 वर्षों से अधिक समय से बैठे दुकानदारों को यह दुकानें उनके नाम करने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : नगर निगम की शहर में स्थित दुकानों में पिछले 12 वर्षों से अधिक समय से बैठे दुकानदारों को यह दुकानें उनके नाम करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। 120 से अधिक दुकानदार यह दुकानें अपने नाम करवाने के लिए अपना आवेदन निगम को दे चुके हैं। लीगल राय के लिए इस केस को लीगल एडवाइजर के पास भेजा हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह दुकानें राज्य सरकार की ओर से बीते मार्च में जारी पत्र दी मैनेजमेंट एंड ट्रांसफर आफ म्यूनिसिपल प्रापर्टी एक्ट के तहत उनके नाम हो जाएंगी। निगम की दुकानों में वर्षों से बैठे दुकानदार सालों से ही यह प्रापटी उनके नाम तब्दील करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी यह मांग लटकती ही जा रही है। निगम के पास कुल 401 दुकानें, 392 किराये पर
नगर निगम के पास विभिन्न स्थानों पर कुल 401 दुकानें हैं। इसमें से 392 दुकानें किराये पर चढ़ी हुई हैं। पांच दुकानें खाली पड़ी हैं। जबकि पांच दुकानों को निगम खुद स्टोर के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। यह दुकानें रेलवे स्टेशन के पास, मछली मार्केट, माल रोड, पुराना बस स्टैंड, नया बस स्टैंड, अनाज मंडी, सरकारी खूह, घुमियार मंडी, नगर निगम कार्यालय के पास, गोल डिग्गी, फायर ब्रिगेड के निकट, सुभाष मार्केट, पुराना अस्पताल तथा स्पोर्ट्स मार्केट में स्थित हैं। अधिकतर दुकानदार या तो 12 साल से अधिक समय से खुद बैठे हैं या फिर उन्होंने आगे किराये पर दी हुई हैं। इसके अलावा कई दुकानों पर अन्य लोगों का भी कब्जा है। यह दुकानें 400 रुपये से लेकर 27 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से किराये पर चढ़ी हुई हैं। अधिकतर दुकानें 400 रुपये के मामूली किराये पर ही हैं। किरायेदारों की ओर 60
लाख किराया बकाया
निगम की इन दुकानों में चाहे कोई भी बैठा है वह निर्धारित राशि अदा करके दी मैनेजमेंट एंड ट्रांसफर आफ म्यूनिसिपल प्रापर्टी एक्ट के अनुसार उनके नाम हो जाएंगी। यह दुकानें कुलेक्टर रेट प्लस कंस्ट्रक्शन रेट के अनुसार किरायेदारों या कब्जाधारकों के नाम की जाएंगी। बता दें कि नगर निगम की ओर से किराये पर दी गई दुकानों का 60 लाख रुपये किराया बकाया खड़ा हुआ है। इसमें 40 लाख रुपये फायर ब्रिगेड के नजदीक स्थित केवल पांच दुकानों की तरफ सालों से बकाया है। जबकि एक शाप कम फ्लैट की तरफ 12 लाख रुपये किराया वर्षों से बकाया है। इसके अलावा आठ लाख रुपये अन्य दुकानों की ओर बकाया है। दुकानें अपने नाम कराने के लिए 120 किरायेदारों की अर्जियां निगम के पास पहुंच चुकी हैं। उन्हें निगम की तरफ से चेक भी किया जा चुका है। तेजी के साथ चल रही है
प्रक्रिया : निगम कमिश्नर
नगर निगम के कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल ने कहा कि दुकानें किरायेदारों के नाम करने के लिए राज्य सरकार की चिट्ठी आई हुई है। इसके अनुसार यह दुकानें उनके नाम पर तब्दील करने की प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है।