स्वी¨पग मशीनें से कर रहीं सड़कों की सफाई
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : गाड़ियों से शहर की सफाई कराने का काम शुरू हो गया है। छह
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : गाड़ियों से शहर की सफाई कराने का काम शुरू हो गया है। छह सितंबर को जनरल हाउस की बैठक में गाड़ियों (स्वी¨पग मशीनों) से शहर की सड़कों की सफाई पर पूरी तरह सहमति नहीं बन पाई थी। हालांकि, मेयर, कमिश्नर और कुछ पार्षद इस प्रस्ताव के समर्थन में थे, पर सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल ने इस पर आपत्ति जताई थी।
हाउस में प्रस्ताव पर पूरी तरह सहमति नहीं बन पाने के बाद गाड़ियों से सड़कों की सफाई के प्रस्ताव को आधे अधूरे रूप में लागू करने की सहमति बन गई थी। इसके चलते 57 लाख रुपये से अधिक खर्च वाले प्रस्ताव को प्रयोग के तौर पर छह महीनों के लागू करने का फैसला लिया गया। इस प्रस्ताव को लागू करने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल ने कहा था कि जिन मशीनों की कुल कीमत 40 लाख रुपये है उनको साल भर चलाने का ठेका 57 लाख रुपये में देना वाजिब नहीं। यह काफी महंगा सौदा होगा। उनकी बात से सहमति जताते हुए कमिश्नर और मेयर ने इस प्रस्ताव को प्रयोग के तौर पर छह महीने के लिए लागू करने की बात कही। सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल का कहना था कि शहर की सड़कों की सफाई का काम सफाई कर्मचारियों से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मशीनों से सफाई करवाने के मुकाबले सफाई कर्मचारियों से सफाई कराना काफी सस्ता पड़ेगा और फंड की कमी से जूझ रहे निगम को इससे थोड़ी आर्थिक राहत भी मिलेगी।
सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल का कहना है कि वो जनरल हाउस के अपने स्टैंड पर कायम हैं। उनका कहना है कि मशीनों से सड़कें सही तरीके से साफ भी नहीं होतीं और कर्मचारियों से सफाई कराने के मुकाबले इसका खर्च भी दोगुना हो जाता है। लिहाजा, मशीनों से सड़कों की सफाई नहीं करानी चाहिए।